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देश की सेनाओं में हरियाणा का योगदान हमेशा ही अहम् रहा है। सशस्त्र बलों में हरियाणा के जवान दुश्मन से लोहा लेते हैं और देश की रक्षा में अपना योगदान देते रहे हैं। पर अब तक ज़्यादा भर्ती निचले रैंक्स में ही होती नज़र आती थी। लेकिन अब ऑफिसर्स रैंक्स भी हरियाणा के नौजवान अपनी मौजूदगी का अहसास करवाने लगे हैं।
इस साल इंडियन मिलटरी अकादमी से पासआउट होने वाले 832 कैडेट्स में से 107 हरियणा से हैं। इस के मायने ये हुए कि इस साल पास आउट होने वाले कैडेट्स में से 13 प्रतिशत हरियाणा से हैं। जबकि देश की कुल आबादी का केवल 2. 9 प्रतिशत ही हरियाणा में रहता है।
यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है की सेना में अधिकारियों की भर्ती में किसी प्रकार का कोई कोटा या आरक्षण नहीं है। साल 2016 में भी हरियाणा का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। कुल पास आउट होने वाले 966 कैडेट्स में से 106 हरियाणा से थे।
किसी ज़माने में देश को सबसे ज़्यादा फौजी ऑफिसर्स देने वाले पड़ोसी राज्य पंजाब को हरियणा ने इस मोर्चे पर काफी पीछे छोड़ दिया है। पंजाब से इस वर्ष केवल 41 नौजवान ही आईएमए के ज़रिए कमिशन हासिल कर पाए हैं। पिछले साल यह संख्या 45 थी। इस बार आईएमए से पास आउट होने वाले सब से कैडेट्स उत्तर प्रदेश से हैं। इस प्रदेश से 150 कैडेट्स को कमीशन मिला है। पर इस प्रदेश में देश की 16 प्रतिशत आबादी रहती है। यानी की प्रतिशत के लिहाज़ से यह हरियणा की तुलना में काफी पीछे है।
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