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भगवा लिबाज...बिखरे बाल...और चारों तरफ पुलिस का पहरा...घबराइये मत...मामला कम्यूनल या सेक्यूलर वाला नहीं है...इस शख्स का नाम है रामदास...मंदिर का पुजारी है...लेकिन मंदिर में पूजा पाठ की जगह...तेंदुए की खाल पर आराम फरमाते पकड़ा गया है...पूरा वाक्या फरीदाबाद के फतेहपुर इलाके का है...बिल्लौच गांव में वन विभाग को खबर मिली थी कि मंदिर में पुजारी जी तेंदुए की आस्था में खोये हैं...पूजा पाठ की जगह तेंदुए की खाल पर अपने बाल संवार रहे हैं...फिर क्या था...खाकी के साथ मिलकर खाका तैयार कर दिया गया...पूरे दल बल के साथ पुजारी को दर्शन दे दिए गए...और अस्त्र-शस्त्र वाले खाकी वर्दीधारियों को देकर पुजारी जी की...सिट्टी पिट्टी गुम हो गई....
बड़ा सवाल ये नहीं है कि मंदिर में पुजारी खाल पर क्यों सोया था...सवाल ये है कि पुजारी के पास तेंदुए की ये खाल आई कहां से...जंगली जानवारों का शिकार बैन है...पर्यावरण संरक्षण के नियम कड़क हैं...इसके बावजूद कानून की आंखों में भक्ति की धूल झोंककर...रामदास...खोया पड़ा था और किसी को पता तक नहीं चला....
पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और पूछताछ की पारंपरिक प्रक्रिया शुरू हो गई है...तस्करी के एंगल को पुजारी की भक्ति के ट्राएंगल से जोड़ा जा रहा है...नतीजा जल्द आने की उम्मीद है...और खाल की बाल में छुपा तस्करी का जिन्न...जल्दी प्रकट हो जाए, ऐसी संभावना है....-