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प्रद्युमन हत्याकांड के बाद ज़िला प्रशासन करने जा रही है 135 नीजि स्कूलों पर कानून कार्यवाही

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CHOHAN
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प्रद्युमन हत्याकांड के बाद ज़िला प्रशासन करने जा रही है 135 नीजि स्कूलों पर कानून कार्यवाही
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गुरुग्राम के रियान इंटरनेशनल स्कूल में हुई छात्र प्रद्युमन की मौत के बाद अब ज़िले के 135 स्कूलों पर सुरक्षा में लापरवाही को लेकर पुलिस विभाग की गाज गिरेगी। publive-image गुरूग्राम के जिलाधीश द्वारा गत दिनों जिला के सभी निजी स्कूल, प्रबंधको व संचालकों को धारा-144 के तहत स्कूल परिसर में बच्चों की सुरक्षा संबंधी प्रमाण पत्र देने के लिए 15 दिनों का समय दिया था, लेकिन जिला के 135 निजी विद्यालय संचालकों ने अभी तक जिला शिक्षा अधिकारी को सुरक्षा संबंधी प्रमाण पत्र जमा नही करवाया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस उपायुक्त मुख्यालय को पत्र लिखकर स्कूल संचालकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही के लिए कहा गया है। उपायुक्त ने कहा कि अब तक जिला प्रशासन को 223 निजी विद्यालयों के सर्टिफिकेट प्राप्त हो चुके है। publive-image जिलाधीश ने धारा-144 के तहत आदेश जारी करते हुए आठ बिंदुओं पर स्कूल प्रबंधन से सर्टिफिकेट जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करवाने को कहा था। आदेशो में कहा गया था कि स्कूल प्रबंधन अपने यहां स्कूल सुरक्षा कमेटी का गठन करें जिसमें बच्चों के अभिभावकों में से 2 प्रतिनिधि भी शामिल हो। स्कूल प्रबंधन अपने यहां फायर सेफ्टी इक्वीप्मेंट की चालू हालत सुनिश्चित करें तथा फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट लें। इसके अलावा, नॉन टीचिंग स्टॉफ के लिए अलग से टायलेट की व्यवस्था होनी चाहिए। स्कूल परिसर में पर्याप्त संख्या में व उपयुक्त स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए। छोटे बच्चों के लिए शौचालयों में एक महिला अटेंडेंट का होना अनिवार्य है। इसके अलावा, शारीरिक रूप से अक्षम व निशक्त बच्चों के लिए विशेष शौचालय बने होने चाहिए जिनमें रैंप की व्यवस्था हो। जारी आदेशानुसार स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरों के साथ साथ जीपीएस सिस्टम लगे होने चाहिए जिनमें महिला अटेंडेंट की नियुक्ति अनिवार्य है। विद्यालय में कार्यरत नॉन टीचिंग स्टॉफ की पुलिस वैरिफिकेशन होनी अनिवार्य है। स्कूल प्रबंधन को इन सभी बिंदुओं पर जिला प्रशासन को प्रमाण पत्र देने के लिए कहा गया था। publive-image प्राईवेट स्कूल संचालक जिलाधीश के आदेशों की भी परवाहा नहीं कर रहे है। ऐसे में समझा जा सकता है कि स्कूल संचालक शिक्षा के मंदिर को व्यापार की तरह से ही चला रहे है। ऐसे में अब देखना होगा कि जिलाधीश के आदेशों को दरकिनार करने वाले स्कूलों के संचालकों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।-
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