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बड़ा सवाल - क्या गुरूग्राम में अब बनेगा निर्दलीय मेयर?

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CHOHAN
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बड़ा सवाल - क्या गुरूग्राम में अब बनेगा निर्दलीय मेयर?
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गुरुग्राम नगर निगम के चुनावों ने भाजपा को तगड़ा झटका दिया है। तमाम प्रयासों के बावजूद पार्टी 35 में से 14 वार्डस में ही जीत दर्ज कर पाई है। अपने सिंबल पर चुनाव लड़ने वाली इनेलो की हालत इससे भी ख़राब रही है। पार्टी केवल एक सीट पर ही जीत हासिल कर पाई है। कुल मिला कर बाजी आज़ाद उम्मीदवारो के हाथ रही  है। जो 20 सीटे जीतने में कामयाब रहे है। शहर में अपना मेयर बनाने के लिए भाजपा को अब कम से कम चार निर्दलीय पाषर्दो की जरुरत होगी। वही अगर सभी निर्दलीय आपसी सहमति बना ले तो गुरुग्राम का नया मेयर निर्दलीय भी हो सकता है। publive-image   गुरुग्राम के चुनाव सत्ता पर काबिज़ भाजपा के शासन पर एक जनमत की तरह देखा जा रहा था।  अपनी जीत को लेकर भाजपा आशवस्त लग रही थी। ऐसे में गुरुग्राम के नतीजे भाजपा के लिए चौकाने वाले है। वही कांग्रेस ने अपने सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ा था। इनेलो ने 23 वार्डस में चुनाव लड़ा था और नामी वार्डस में आज़ाद उमीदवारों को समर्थन दिया था। लेकिन पार्टी केवल एक वार्डस में ही जीत दर्ज कर पाई। इन चुनावों में महिलाओं का प्रदर्शन काफी उत्साहवर्धक रहा। 35 में से 14 वार्डस में महिलाएं जीत कर आई हैं। publive-image गुरुग्राम चुनावों को लेकर मतदाताओं का उत्साह इस बार कम नज़र आया। कुल मतदान का प्रतिशत 55. 85 रहा जबकि साल 2011 में 63 % मतदाता पोलिंग बूथ्स तक पहुंचे थे।-
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