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रोहतक के समरगोपालपुर गांव में 17 वर्षीय युवक की मर्डर मिस्ट्री का खुलासा हो गया है। इस युवक की हत्या उसी की बड़ी बहन ने की थी और हत्या के बाद शव को घर के ही अंदर बेड में छिपा दिया था। भाई को घर में अकेला पाकर बहन ने उसे कुर्सी से बांधा और फिर हथौड़े व चाकू से हत्या कर दी। दरअसल युवती का गांव में ही एक युवक से प्रेम प्रसंग था और इस बात की जानकारी भाई को मिल गई थी। इसे लेकर वह अपनी बहन को चिढ़ाता था। अब रोहतक पुलिस ने आरोपी बहन को गिरफ्तार कर लिया है।
समरगोपालपुर गांव में 13 जनवरी को 17 वर्षीय धर्म उर्फ मोंटी का शव घर के अंदर बेड में ही मिला था। पिता तेजपाल घर के बाहर बैठा हुआ था और उसे भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि बेटे की हत्या कर दी गई है। दरअसल मोंटी की बड़ी बहन काजल उर्फ चंचल शनिवार को घर से भागकर पानीपत पहुंची और मां सुशीला को फोन कर बताया कि पिता ने मोंटी की हत्या कर दी है। मां की शिकायत के बाद रोहतक पुलिस जब घर पर पहुंची तो बेड खुलवाया गया, जिसके अंदर मोंटी का शव मिला। मोंटी की बर्बरता के साथ हत्या की गई थी। उसके सिर व गले पर चोट के निशान थे।
रोहतक पुलिस ने मांेटी की मां की शिकायत के आधार पर हत्या का केस दर्ज कर लिया था। शुरूआत में सुशीला ने अपने पति तेजपाल पर हत्या का शक जताया था। इसी आधार पर पुलिस ने तेजपाल को हिरासत में ले लिया था। हालांकि रोहतक पुलिस की जांच के दायरे में मां सुशीला, पिता तेजपाल और बहन चंचल को शामिल किया गया था। पड़ोसियों व समरगोपालपुर के मौजिज व्यक्तियों को भी जांच का हिस्सा बनाया गया। इसी दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि तेजपाल की दो दशक पहले सुशीला के साथ शादी हुई थी। लेकिन पत्नी व बच्चों से अनबन के चलते वह कई साल से परिवार से अलग रह रहा था। वह कभी कभार ही घर आता था। 17 वर्षीय मोंटी दसवीं कक्षा और 19 वर्षीय काजल बारहवीं कक्षा में पढ़ती थी। तेजपाल खेती बाड़ी का काम करता है जबकि सुशीला, टिटौली रोड स्थित प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती है। रोहतक पुलिस ने मां, पिता और बहन से गहनता से पूछताछ की। पुलिस को बहन चंचल पर ही शक हुआ। उसके साथ सख्ती ये पूछताछ की गई तो उसने भाई मोंटी की हत्या की बात कबूल कर ली।
रोहतक पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि काजल उर्फ चंचल का गांव के ही एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग था। वह अकसर उस युवक के साथ मोबाइल फोन पर बात करती थी। मोंटी अपनी बहन को फोन पर बात करते हुए सुन लेता था और मां सुशीला को सारी बात बता देता था। जिस कारण सुशीला, मोंटी व चंचल का झगड़ा होता रहता था। इसी वजह से चंचल ने मोंटी से छुटकारा पाने की योजना तैयार की। 13 जनवरी को मां सुशीला नौकरी पर गई थी और पिता तेजपाल भी वहां पर मौजूद नहीं था। दोपहर करीब 2 बजे काजल ने धोखे से मोंटी को अपनी बातों में फंसा लिया और उसे कुर्सी पर चुन्नी से बांध दिया। आंखों पर भी पट्टी बांध दी। फिर मोंटी के सिर पर हथौड़े से कई वार किए। इसके बाद गले पर भी चाकू से वार किए। मोंटी ने तुरंत ही मौके पर दम तोड़ दिया। चंचल ने मोंटी के खून से लथपथ शव को घर के अंदर बेड में डाल दिया। फिर वह फर्श को साफ कर पानीपत भाग गई।
रोहतक के एसपी पंकज नैन ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर हत्याकांड के बारे में तमाम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चंचल की मानसिक हालत भी सही नहीं है। वह अकसर ही भाई को कुर्सी पर बांधकर उसके साथ खेल खेलती थी। पिता तेजपाल की कई साल से पत्नी व बच्चों के साथ अनबन थी। इसी बात का फायदा उठाकर चंचल ने पिता का नाम लिया ताकि मां और बाकी ग्रामीणों को उसकी बात पर विश्वास हो जाए।-