आजादी का मतलब जो गांव कभी समझ नहीं पाया...उस गांव में पनप रहे गुस्से को अब ठंडक मिल रही है...भिवानी के रोहणात गांव के आसमान में...इस तरह कभी लहरा नहीं पाया था तिरंगा...लेकिन अब इस नीले आसमान में...ये तिरंगा शान से खड़ा है...और ऐसा...आजादी के बाद से लेकर अब तक...पहली बार हुआ है....ये यूं ही नहीं है...इसकी वजह है...
दरअसल रोहणात गांव भी अंग्रेजी हुकूमत के दौरान उसी तरह तड़पा है...जिस तरह पूरा देश तड़पा था...1857 के विद्रोह के दौरान इस गांव में...11 लोगों को अंग्रेजी हुकूमत ने बुल्डोजर से कुचल दिया था...उस सड़क को आज भी गांव में लाल सड़क के नाम से जाना जाता है...अंग्रेजों ने गांव वालों की जमीन तक नीलाम करवा दी थी..तमाम यातनाएं यहां केे लोगों को दी गई..लेकिन गांव की बदनसीबी ये...कि आजादी के बाद भी यहां हालात बदल नहीं पाए...न कोई सुविधा...न जमीन वापसी...न कोई शहीद स्मारक...न कोई सरकारी सुविधा...
नतीजा ये कि गांव के लोग आज भी अपने आप को आजाद नहीं मान पाए...गांव में कभी तिरंगा तक नहीं लहराया गया..लेकिन सीएम खट्टर ने गांव के इस इतिहास को ही पूरी तरह बदल दिया...खट्टर ने गांव का दौरा किया...गांव में तिरंगा लहराया और फिर...पूरे गांव के लिए सरकारी पिटारा...खोल कर रख दिया...
सीएम ने गांव में रोहणात फ्रीडम ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है...गांव की चार एकड़ जमीन पर बने स्मारक को जनता को समर्पित किया जाएगा...गांव के इतिहास पर फिल्म बनेगी जिसका खर्च हरियाणा सरकार उठाएगी...रोहणात गांव के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा..गांव में जनऔषधालय, गौरवपट्टिका, बस शेल्टर, तालाब, जलघर बनाया जाएगा...गांववालों की नीलाम हुई जमीन की वापसी के लिए रेवेन्यू डिपार्टमेंट से बात की जाएगी...गांव को मॉडर्न गांव के तौर पर विकसित किया जाएगा....
ग्राफ्किस ओवर
तो सीएम ने गांव का एक दौरा किया और सरकारी खजाना खोल कर रख दिया...रोहणात गांव के लोगों को अब सुकून का एहसास हो रहा है...आजादी का मतलब समझ आ रहा है...और रोहणात के आसमान में आजादी के बाद पहली बार...तिरंगा झंडा लहरा रहा है...
भिवानी से किशनसिंह, पीटीसी न्यूज, हरियाणा