SYL को लेकर फिर से सियासी तेवर नज़र आ रहे हैं...क्या फिर छिड़ेगा घमासान...
SYL पर घमासान एक बार फिर उफान पर है। इनेलो फिर से इसे सियासी मुद्दा बनाने की तैयारी में और साल 2018 के मार्च महीने में फिर से सुर्खियां बटोरने की कोशिश में है। लेकिन बयानबाजी की सियासत थमने का नाम नहीं ले रही। अभय चौटाला ने सरकार याद दिलाया है कि 23 फरवरी तक वो एसवाईएल पर कोई फैसला ले ले नहीं तो आंदोलन शुरू होगा। इसके साथ ही अभय चौटाला ने कहा है कि 7 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में इसे लेकर इनेलो एक बड़ी रैली करने जा रही है। इस रैली में इनेलो एक बार फिर एसवाईएल को लेकर केंद्र और हरियाणा सरकार को घेरने की तैयारी में है। इधर हुड्डा भी इसे लेकर सरकार को घेरने की कोशिश में है लेकिन इनेलो का समर्थन करना उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है। हुड्डा ने एसवाईएल के लिए सरकार को तो घेरा ही है लेकिन इसमें हो रही देरी को लेकर इनेलो को ही जिम्मेदार ठहराया है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि इनेलो की वजह से ही एसवाईएल का मुद्दा अटक रहा है। उन्होंने कहा कि अगर चौटाला परिवार ने राजीव-लौंगोवाल समझौते का विरोध नहीं किया होता तो एसवाईएल का मुद्दा कबका सुलझ चुका होता। मामला अभी भी पेचीदा ही है और इसका कोई समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है। उधर पंजाब अड़ा है इधर हरियाणा अड़ा है। ऐसे में इनेलो अपना सियासी रास्ता तलाशती नजर आ रही है और अब इंतजार 7 मार्च का है जब दिल्ली के रामलीला मैदान में इनेलो एसवाईएल को लेकर एक बड़ी रैली करने जा रही है।