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डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पंचकूला व सिरसा में भड़की हिंसा के मामले में एसआईटी सिरसा ने डेरा प्रमुख के पैतृक गांव गुरुसर मोडिया (राजस्थान) में दबिश दी। एसआईटी की एक टीम गुरुसर मोडिया पहुंची और वहां पर डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन समिति के वाइस चेयरमैन डा. पीआर नैन, डेरा प्रमुख के नजदीक गुरदास सिंह व गोलो मौसी के ठिकानों के बारे में पूछताछ की। इसके अलावा 25 अगस्त को सजा सुनाए जाने के बाद सिरसा में भड़की हिंसा के बाद डेरा सच्चा सौदा से बाहर निकले सामान के बारे में भी जानकारी ली। हालांकि इस दौरान टीम को न तो डा. पीआर नैन, गुरदास व गोलो मौसी मिली और न ही डेरा से बाहर निकले सामान मिला। टीम को खाली हाथ ही डेरा प्रमुख के पैतृक गांव से लौटना पड़ा।
एसआईटी इंचार्ज अजय शर्मा ने बताया कि डा. नैन, गुरदास व गोलो मौसी को लेकर उनकी टीम ने गुरुसर मोडिया में दबिश दी है, लेकिन कोई नहीं मिला। उन्होंने बताया कि टीम ने डेरा सच्चा सौदा से हिंसा के बाद बाहर निकले सामान को लेकर भी जानकारी हासिल की। उन्होंने बताया कि विपसना को भी 15 फरवरी को बुलाया है, अगर वह तफ्तीश में शामिल नहीं होती है तो उसके खिलाफ आगामी कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि डेरा प्रमुख को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद प्रदेश के पंचकूला व सिरसा में हिंसा भड़की थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे, वहीं आधा दर्जन लोगों की सिरसा में मौत हो गई थी। एसआईटी सिरसा को पूछताछ में इस बात की जानकारी मिली कि हिंसा भड़काने से पहले डेरा सच्चा सौदा में 17 अगस्त को पूरी रणनीति बनाई गई थी और उस दौरान हुई बैठक में डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन समिति की चेयरपर्सन विपसना इंसां, वाइस चेयरमैन डा. पीआर नैन, गुरदास व गोलो मौसी भी मौजूद थी। पुख्ता जानकारी के बाद एसआईटी सिरसा ने विपसना इंसां व डा. पीआर नैन को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वे गिरफ्तारी के भय के चलते भूमिगत हो गए। एसआईटी ने उक्त लोगों की गिरफ्तारी को लेकर सिरसा डेरा व छिपने के दूसरे संभावित ठिकानों पर दबिश देनी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में एसआईटी सिरसा की एक टीम इंचार्ज अजय शर्मा के नेतृत्व में मंगलवार को गुरुसर मोडिया पहुंची, लेकिन टीम के हाथ कुछ नहीं लगा।-