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पहले गाय...फिर गीता...और अब गायत्री...ये कुछ ऐसे शब्द हैं जो भाजपा के आसपास मंडराते नजर आते हैं...और मंडरा भी रहे हैं...पहली गीता की बारी थी...अब गायत्री की बारी है...जी हां...हरियाणा सरकार अब स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम में गायत्री मंत्र को शामिल करने जा रही है...इसके लिए तैयारी भी पूरी है...और 5 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में इसे लेकर सरकार प्रस्ताव भी लाने वाली है...अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाती है तो...
हरियाणा के स्कूलों में गायत्री मंत्र...बच्चों के सिलेबस का हिस्सा होगा...स्कूलों में होने वाली सुबह की प्रार्थना सभा में...गायत्री मंत्र का जाप किया जाएगा....सत्र के तुरंत बाद इस बारे में एक नोटिफिकेशन भी जारी हो सकती है और इस नोटिफिकेशन के बाद..तमाम स्कूलों में इस आदेश को लागू करवाया जाएगा....
हालांकि भगवत गीता के कुछ श्लोक पहले ही हरियाणा में स्कूली सिलेबस का हिस्सा बन चुके हैं.....स्कूलों में भगवद गीता को...पढ़ाई का हिस्सा बनाकर...बच्चों को पढ़ाया जा रहा है....लेकिन बात गाय की हो या गीता की...या फिर गायत्री की...ऐसे मुद्दे सियासत से दूर कहां रह पाते हैं...वहां भी हुई थी...सो यहां भी हो रही है...
चौटाला के मुताबिक ये सब ध्यान भटकाने की बातें है...चौटाला ने कहा है कि गाय गीता जैसे मुद्दों पर भी भाजपा अटकी रहती है...ऐसे ही नए नए आदेश लाती रहती है...जिसका जनहित से कोई लेना देना नहीं होता...हालांकि सीएम खट्टर इस मुद्दे को...चरित्र निर्माण से जोड़कर देख रहे हैं...लेकिन अभय चौटाला ने सीएम को उल्टा चैलेंज कर डाला...कि सीएम पहले खुद गायत्री मंत्र सुनाकर दिखाएं...
तो मुद्दा गाय का हो गीता-गायत्र का...ऐसे सियासी मुद्दों पर राजनीति का तड़का जरूर लगता है...और लग भी रहा है...हालांकि रामबिलास शर्मा पहले ही बयान दे चुके हैं...बजट सत्र में ये मुद्दा भी खूब छाने वाला है...और ऐसे में हरियाणा के स्कूलों में...अब गायत्री मंत्र की गूंज सुनाई देना...करीब करीब तय माना जा रहा है....
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