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हरियाणा की सियासत में जाट आरक्षण की आग एक बार फिर धधक सकती है क्योंकि आरक्षण की जो स्याह तस्वीर पिछले दो सालों में लगातार हरियाणा में नजर आई है, उसका रंग अभी तक उतरा नहीं है।
साल 2016 और साल 2017 में आरक्षण के लिए जाटों ने जो आंदोलन हरियाणा में अपनाया था उसका कोई नतीजा न देखते हुए एक बार फिर चिंगारी भड़कने लगी है और रोहतक के जसिया में जाट आरक्षण समिति की बैठक में उस चिंगारी की पहली आंच नजर आई है।
जसिया की बैठक में यशपाल मलिक ने कहा कि 23 दिसंबर से जसिया से ही जाट आंदोलन का प्रचार शुरू किया जाएगा। जनवरी 2018 के आखिरी हफ्ते तक ये प्रचार चलेगा और प्रचार के आखिरी दिन जाट आंदोलन और दिल्ली कूच की तारीखों का ऐलान भी होगा।
जाट आरक्षण संघर्ष समिती की इस बैठक में 8 प्रस्ताव पास किए गए। सरकार को चेतावनी दी गई कि 31 दिसंबर तक जाट आरक्षण की पूरी रिपोर्ट पेश करे। मलिक ने आंदोलन के दौरान केस वापस लेने का सरकार का वादा पूरा करने और कैप्टन अभिमन्यु को कैबिनेट से बर्खास्त करने की भी मांग और ऐसा न करने पर एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़ने का ऐलान भी किया है।-