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भारत ने पाकिस्तान में छिपे माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में उठाया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों के संबंध में दाऊद और उसकी डी-कंपनी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इन धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी।
अकबरुद्दीन ने कहा, 'हमने दाऊद के आपराधिक तंत्र को डी-कंपनी नामक आतंकी संगठन में बदलते देखा है। यह इस वक्त सबसे बड़ा खतरा है।' भारत ने सुरक्षा परिषद में दाऊद का मुद्दा ऐसे समय पर उठाया है जब अमेरिका डी-कंपनी के कथित अंतरराष्ट्रीय ऑपरेटर जबीर मोतीवाला को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित कराने की कोशिश में है। मोतीवाला पर मनी लांड्रिंग और तस्करी के आरोप हैं। अमेरिका ने दाऊद और उसके भाई शेख अनीस, अजीज मूसा, छोटा शकील, टाइगर मेनन और डी-कंपनी पर कई प्रतिबंध भी लगाए हैं।
यूएनएससी में अंतरराष्ट्रीय आंतकी संगठन और आपराधिक संगठनों के बीच संबंधों पर चर्चा के दौरान बिना नाम लिए अकबरुद्दीन ने आतंकियों को पनाह देने के लिए पाकिस्तान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'दाऊद एक देश की पनाह में सुरक्षित बैठा है और अपनी डी-कंपनी के जरिये हमारे यहां सोना, नकली नोट, हथियार और ड्रग्स की तस्करी कर रहा है। डी-कंपनी की आपराधिक गतिविधियां दूसरी जगहों पर भले ही कम हों लेकिन हमारे लिए यह बहुत बड़ी समस्या बन गया है।' दूसरी तरफ पाकिस्तान ने कहा कि वह आंतकियों पर कार्रवाई के लिए तैयार है लेकिन कोई भी कदम ठोस सुबूत के आधार पर ही उठाया जाना चाहिए।
अकबरुद्दीन ने कहा, 'आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ सफलता साबित करती है कि मिलकर काम करने से परिणाम अच्छे मिलते हैं। इसी तरह हमें अलकायदा के सहयोगियों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के साथ ही दाऊद की डी-कंपनी के खिलाफ मिलकर कार्रवाई करनी होगी।'
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