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11 साल की बच्ची ने बुक राइटिंग में बनाए 1 साल में 5 वर्ल्ड रिकॉर्ड, 11 दिन में लिख डाली किताब

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Vinod Kumar
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11 साल की बच्ची ने बुक राइटिंग में बनाए 1 साल में 5 वर्ल्ड रिकॉर्ड, 11 दिन में लिख डाली किताब
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फरीदाबाद/सुधीर शर्मा: जिस उम्र में बच्चे शरारतें करते हैं स्कूल जाने में आनाकानी करते हैं और जिस उम्र में बच्चों को गुड और बैड टच तक के बारे में जानकारी नहीं होती उस छोटी सी उम्र में फरीदाबाद के सेक्टर 9 की रहने वाली 11 साल की एक बच्ची ने बुक राइटिंग में एक नहीं बल्कि पांच-पांच वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम हासिल किए हैं। वह भी मात्र 1 साल में। 11 साल की उम्र में ही वाणी रावल ने कैथीज 23 डेज ऑफ क्रिसमस और कैथीज कॉलिंग फाइव एलिमेंट्स ऑफ क्रिसमस किताब लिखी है। जिसके कारण वाणी रावल को दुनिया की सबसे कम उम्र की लेखक होने का खिताब मिला है। वाणी रावल ने 5 वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम से बनाए हैं।
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publive-image वाणी रावल फरीदाबाद के एक नामी स्कूल की छठी कक्षा की छात्रा है। वाणी रावल के किताब लिखने की शुरुआत कोरोना टाइम में वर्ष 2021 में हुई थी। वाणी ने अपनी पहली किताब कैथीज 23 डेज ऑफ क्रिसमस महज महीने में ही लिख डाली और दूसरी किताब कैथीज कॉलिंग 5 एलिमेंट्स ऑफ क्रिसमस को लिखने में उनको केवल 11 दिनों का ही समय लगा। publive-image वाणी की इस प्रतिभा को अलग-अलग वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन, वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस ब्रोवो इंटरनेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ने उनको वर्ल्ड की सबसे कम उम्र की लेखिका होने के खिताब से नवाजा है। publive-image यह सभी वर्ल्ड रिकॉर्ड वाणी रावल ने 2022 में ही बनाए है। रिकॉर्ड के बनाने के बाद वाणी और उनकी माता काफी खुश नजर आ रही हैं। इस मौके पर वाणी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए कोई उम्र नहीं होती उनका सपना आगे और किताबे लिखने का है। वहीं वाणी ने बताया कि उन्हें सिंगिंग, डांसिंग और चेस खेलने का भी शौक है। वहीं वाणी रावल की मां ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है उन्हें शुरू से ही यह पता था कि उनकी बेटी कुछ बड़ा करेगी, लेकिन उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि महज 11 साल में उनकी बेटी इतने बड़े मुकाम को हासिल कर लेगी। वाणी की मां ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि बेटी और बेटे में कोई फर्क नहीं होता। इसलिए बेटियों को बेटों के बराबर ही दर्जा देना चाहिए।-
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