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करनाल: सीएम सिटी करनाल में समग्र शिक्षा अभियान की धज्जियां उड़ती दिखाई दे रही हैं। समग्र शिक्षा विभाग की ओर से पिछले दो सालों से स्कूलों में 183 कमरों को कंडम घोषित किया हुआ है। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद अब स्कूल खुल चुके हैं। समग्र शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में कंडम कमरों को गिराने व नए कमरे बनाने का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है। जिसके चलते अध्यापकों को भी बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, पिछले साल ही इन्हें गिराने के लिए 20 करोड़ रुपए का टेंडर लगाया था।
बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए अध्यापक खुले में बाहर कक्षाएं लगा रहे हैं। मार्च के आखिरी में गर्मी अधिक होने के बाद बच्चों को बाहर कक्षाएं लगाने में परेशानी आएगी। शिक्षा विभाग के पास केवल जेई व एक एसडीओ है। ऐसे में एक जेई को 156 स्कूलों के विकास कार्य को देखना पड़ रहा है। एक जेई इतने स्कूलों में निरीक्षण भी नहीं कर सकता। जेई की संख्या कम होने से स्कूलों के विकास कार्य धीमी गति से चल रहे हैं। एसडीओ समेत जेई पिछले दो सालों से बोली लगवाकर स्कूलों के पुराने कंडम कमरों की गिराने व नए कमरे बनवाने में लगे हैं।
फाइल फोटो
प्राइमरी स्कूल गढ़ी साधान में एक ही कमरा है। अब इस एक ही कमरा है। अब इस एक कमरे में ऑफिस का काम चलाया जाए या 85 विद्यार्थियों को बिठाया जाए। बुढ़नपुर बांगर प्राथमिक स्कूल में दो कमरे हैं, जो जर्जर हालत में हैं। ये कमरे बच्चों के लिए काफी खतरा बने हुए हैं।
फाइल फोटो
बता दें कि करनाल में 36 प्राइमरी स्कूलों से 121 कमरे 15 हाई स्कूल में 62 कमरों को कंडम कर नए बनाने की डिमांड आई है। लगभग 183 नए कमरे बनाए जाने के लिए 19 करोड़ 67 लाख 98 हजार रुपए खर्च किए जाने हैं। करनाल के समग्र शिक्षा विभाग के एसडीओर वीरेंद्र कुमार ने कहा कि जिन स्कूलों के जर्जर कमरों को नहीं गिराया गया है उनकी बोली लगाकर उन्हें गिरा दिया जाएगा।
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