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किशोरवस्था से गुज़र रहे प्रदेश के करीब 65 फीसदी बच्चे किसी न किसी वजह से तनाव से ग्रस्त है। जबकि 18 फीसदी बच्चों ने या तो नशे के लिए कोई न कोई ड्रग ली है या फिर उन्हें नशा करने की आफर की गई है। इस तरह के चौकानें वाले खुलासे हाल ही में एक सर्वे ने किए है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और परीक्षण परिषद यानी एससीईआरटी द्वारा करवाए गए इस सर्वेक्षण के अनुसार 18 फीसदी बच्चे अपनी शारीरिक बनावट से सतुंष्ट नहीं हैं और 6 फीसदी किशोरों ने माना है कि उनके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने या सेक्सुअल असॉलट की घटनाएं हुई हैं। एससीईआरटी ने इस सर्वेक्षण के दौरान 9वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के 34000 छात्र छात्राओं से कुल 14 सवाल पुछे थे। इन सवालो में परिवार संबंधी जानकारियों से लेकर उनकी खानपान से संबंधित कई तरह की जानकारियां थी।
एससीईआरटी की निदेशक डॉ किरणवमयी के अनुसार इस सर्वेक्षण का मकसद किशोरवय के विद्दार्थियों की इस मनोस्थिति का आकलन करना था। उन्होनें कहा कि इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि आज का किशोर क्या सोच रहा है और किन- किन बिन्दुओं का लेकर उसे सही रास्ते पर ले जाने की जरुरत है। डॉ किरणमयी के मुताबिक इस सर्वेक्षण के नतीजों के आधार पर स्टूडेंट काउसंलिग की व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सकेगा।
किशोरवस्था की अपनी समस्याएं और चुनौतियां रहती है। लेकिन सही मार्गदर्शन से उम्र के इस पड़ाव को आसानी से पार किया जा सकता है। ऐसे में एससीईआरटी का यह सर्वेक्षण काफी मायने रखता है।
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