राजनैतिक दबाव में फंसा विकास बराला, वकील ने दी दलील
वर्णिका कुंडू छेड़छाड़ मामले में बुधवार को चंडीगढ़ ज़िला अदालत में विकास बराला और उसके दोस्त आशीष पर आरोप तय होने थे, परंतु जज ने आरोप तय करने के लिए 13 अक्टूबर का समय दे दिया है। क्योंकि वह आरोप तय करने से पहले एक बार फिर लड़की द्वारा दिए गए 164 के बयान को दोबारा सुनना चाहते हैं। मामले के बारे में बोलते हुए विकास बराला के वकील रविंद्र पंडित ने बताया कि सारा मामला राजनीतिक दबाव और आईएएस लॉबी के दबाव के कारण बना है वरना मामला कुछ खास नहीं था और उसमें सिर्फ 354 डी और 341 का ही मामला बनता था। मीडिया की सुर्खियों में रहने के लिए वर्णिका कुंडू और उसके पिता ने बढ़चढ़कर TV पर इंटरव्यू दिए और इस दबाव के कारण पुलिस ने मामला 365 और 511 में भी दर्ज कर लिया और अपहरण की कोशिश का मामला बना दिया। वकील ने बताया कि इसीलिए उन्होंने माननीय अदालत से उस रात की सीसीटीवी फुटेज मांगी थी जिसमें यह देखा गया था के वर्णिका कुंडू की कार को विकास बराला की कार ने रोका है । पर माननीय कोर्ट ने यह कहकर उनकी अपील खारिज कर दी के लिए टाइम ओवर हो चुका है, जबकि सीबीआई जांच में पहले कई बार पुरानी फाइल फुटेज से केस का फैसला लिया जा चुका है । चंडीगढ़ पुलिस ने तीन बार अपने बयान बदले पहले उन्होंने सिर्फ 354 डी और 341 का मामला ही दर्ज किया था, पर बाद में लड़की के बयान सुने बगैर ही उसमें अपहरण की कोशिश की धारा जोड़ दी थी। अब देखना होगा कि 13 अक्तूबर को अदालत विकास बराला और उसके दोस्त पर क्या आरोप तय करती है।