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चंडीगढ़/अभिषेक तक्षक: आज चंडीगढ़ में हरियाणा कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में कैबिनेट ने कई प्रस्तावों को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कैबिनेट मीटिंग के बाद कहा है कि ब्लॉक स्तर पर सरपंच के पदों की कुल संख्या का 8 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षित किया जाएगा।
मंत्रिमंडल की मंजूरी के अनुसार हर ग्राम पंचायत में पंच के पदों को पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किया जाएगा, जो ग्राम सभा क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (क) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी।
यदि पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी सभा क्षेत्र की कुल आबादी का 2 प्रतिशत या अधिक है तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में पिछड़े वर्ग (ए) से संबंधित कम से कम 1 पंच होगा। ऐसे वार्डों में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्डों को छोडक़र पिछड़ा वर्ग के लिए ड्रॉ के माध्यम से अलॉट किया जाएगा, प्रत्येक चुनाव में रोटेशन के आधार पर वार्ड आरक्षित किया जाएगा
इसी प्रकार, एक ब्लॉक में सरपंच के पदों की कुल संख्या का 8 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षित किया जाएगा। पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षण के लिए प्रस्तावित ग्राम पंचायतों की संख्या के उच्चतम तीन गुना में से ड्रा द्वारा आवंटित किया जाएगा। जहां पर सरपंच का पद पहले से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है उन ग्राम पंचायतों को छोडक़र, पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी का सबसे बड़ा प्रतिशत है, वहां बाद के चुनावों में रोटेशन द्वारा सरपंच के पद के लिए आरक्षण किया जाएगा।
प्रत्येक पंचायत समिति में पिछड़े वर्ग (ए) के लिए वार्ड आरक्षित होंगे और इस प्रकार आरक्षित वार्डों की संख्या, उस पंचायत में वार्डों की कुल संख्या के अनुपात में लगभग समान होगी। ब्लॉक समिति में कुल जनसंख्या की पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में वार्डों को ड्रा द्वारा अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित वार्डों के अलावा आवंटित किया जाएगा और बाद के चुनावों में रोटेशन अपनाया जाएगा।
प्रत्येक जिला परिषद में भी पिछड़े वर्ग(ए) के लिए आरक्षित होंगे। इस प्रकार आरक्षित वार्डों की संख्या उस जिला परिषद में वार्डों की कुल संख्या के अनुपात के समान होगी। यह ड्रा अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित वार्डों के अलावा आवंटित किया जाएगा और बाद के चुनावों में रोटेशन अपनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ ऑब्जर्वेशन दी थी। इसी को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) अध्यादेश, 2022 लाकर हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 में संशोधन किया गया है। आरक्षण किसी भी हालत में 50 फीसदी से अधिक ना हो इसका भी ध्यान रखा गया।-