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सामाजिक संगठनों का आरोप, आंदोलन में किसान-मजदूर नहीं बल्कि अमीर बाप की बिगड़ी औलादें शामिल

Written by  Arvind Kumar -- May 18th 2021 09:51 AM
सामाजिक संगठनों का आरोप, आंदोलन में किसान-मजदूर नहीं बल्कि अमीर बाप की बिगड़ी औलादें शामिल

सामाजिक संगठनों का आरोप, आंदोलन में किसान-मजदूर नहीं बल्कि अमीर बाप की बिगड़ी औलादें शामिल

हिसार। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने संत कबीर छात्रावास आजाद नगर में बैठक कर प्रदेशभर में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर चर्चा की। सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से साफ-साफ कहा कि ये आंदोलन अब अपने एजेंडे से बदल चुका है और राजनीतिक रूप ले चुका है। संगठन प्रतिनिधियों ने आरोप लगाये कि किसान आंदोलन के कारण ही अब गांवों में कोरोना फैल रहा है। संत कबीर शिक्षा समिति के सरंक्षक जोगीराम खुंडिया ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश के गांवों में कोरोना किसान आंदोलन के कारण फैल रहा है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के समय में इन लोगों को सरकार का विरोध करने के बजाये सरकार का सहयोग करना चाहिए। संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि किसान आंदोलन में किसान-मजदूर नहीं बल्कि अमीर बाप की बिगड़ी औलादें शामिल हैं। उन्होंने कोरोना महामारी के समय में ऐसे उग्र आंदोलन नहीं चलाने की चेतावनी दी और ऐसा नहीं करने पर उनका विरोध करने का फैसला लिया। यह भी पढ़ें- लॉकडाउन में हरियाणा पुलिस ने पकड़ी अवैध शराब की खेप यह भी पढ़ें- हुड्डा ने सीएम खट्टर को लिखा खुला पत्र वहीं रविदास महासभा के प्रधान एसपी चालिया ने कहा कि मंहगी एसयूवी गाड़ियों में बैठकर आने वाले लोग किसी राजनीति षडय़ंत्र का हिस्सा हैं न की किसान आंदोलनकारी। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर धरने प्रदर्शन गलत नहीं है लेकिन सरकारी कार्यक्रमों का विरोध गलत है। अगर ये बीजेपी की किसी जनसभा या रैली का विरोध करते हैं तो कोई दिक्कत नहीं लेकिन अगर सरकारी कार्यक्रमों के विरोध में उग्र आंदोलन चलाया गया तो विभिन्न संगठन उनके सामने खड़ें होकर विरोध करेंगे। बता दें कि इस बैठक में रविदास महासभा, संत कबीर शिक्षा समिति, कंबोज सभा, जांगड़ा सभा, स्वर्णकार सभा, पांचाल समिति, गुज्जर समाज, नाथ समाज, सैनी समाज, नामदेव सभा, सैन सभा, आल हरियाणा युवा कुम्हार फेडरेशन व कई अन्य संगठनों के प्रतिनिधि एकत्रित हुए।


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