हरियाणा में मिड-डे-मील का कागजी बजट, पिछले 6 माह से नहीं आया पैसा, अपनी जेब से डाल रहे शिक्षक, अब हाथ किए खड़े
हरियाणा में शिक्षा का नया सत्र शुरू हो चुका है। लेकिन अभी से बच्चों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मिड-डे-मील के राशन का पैसा नहीं पहुंच रहा है।
ब्यूरो: हरियाणा में शिक्षा का नया सत्र शुरू होते ही बच्चों को अभी से ही कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला यमुनानगर से सामने आया है। जहां पिछले 6 माह से स्कूल में मिड-डे-मील के राशन का पैसा नहीं पहुंच रहा है। जिसके चलते कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं इस मामले में शिक्षकों का कहना है अभी तक नवंबर माह से ही पैसा अटका हुआ है। कागजों में सारी कार्रवाई कर दी गई है। लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है। अब तक पहले का ही बजट क्लीयर नहीं हो पाया है।
अपनी जेब से पैसा लगा रहे शिक्षक
शिक्षकों का कहना है कि वह अपनी जेब से पैसा लगा कर थक चुके हैं। ऐसे में अगर अभी भी बजट नहीं मिला तो वह राशन नहीं ले पाएंगे। ऐसे में शिक्षक स्कूल के अन्य बजट में आए पैसे से राशन लेकर आ रहें हैं।
स्कूल में मिलता है ये आहार
प्रदेश के सरकारी स्कूल में पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक बच्चों को हर दिन अलग-अलग पकवान दिए जाते हैं। जिसमें छोले पूरी, हरी सब्जी, आटे का हलवा, दाल-रोटी, काले चने, खीर, कढ़ी चावल, राजमा चावल, खिचड़ी और आटे के बने हुए गुलगुले आदि यह सभी चीजें शामिल हैं।
यहां खर्च किया जाता है बजट
आटा और चावल सरकार द्वारा दिया जाता है। इसके अलावा गैस सिलिंडर, नमक, मिर्च, मसाले, चीनी, तेल, अलग-अलग तरह की सब्जियां आदि खरीदने के लिए सरकार की ओर से हर बच्चे का बजट दिया जाता है। ताकि किसी प्रकार की कोई कमी ना हो।
ये होता है हर बच्चे का बजट
कक्षा
01 से 05वीं - 5.45 रुपये
06 से 08वीं -8.17 रुपये
वहीं मामले में डीईईओ का कहना है कि मिड-डे-मिल विभाग की ओर से अभी बजट नहीं आया है। जल्द ही बजट आने की उम्मीद है। जैसे ही बजट हमारे पास आएगा स्कूलों को जारी कर दिया जाएगा।