हरियाणा के इन दो जिलों में जनरेटर सेट के इस्तेमाल पर लगा प्रतिबंध
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन ने पर्यावरण प्रदूषण प्राधिकरण के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करते हुए फरीदाबाद और गुरुग्राम जिलों में डीजल जनरेटर सेट के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए इन क्षेत्रों में बिना किसी अवरोध के ग्रिड से बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए ताकि डीजल जनरेटर की आवश्यकता को कम किया जा सके। यह भी पढ़ें: हरियाणा के इन गांवों में बिल्कुल भी नहीं जलेगी पराली [caption id="attachment_438893" align="aligncenter" width="700"] हरियाणा के इन दो जिलों में जनरेटर सेट के इस्तेमाल पर लगा प्रतिबंध[/caption] इसके अलावा हरियाणा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में प्रदूषण की समस्या को कम करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे, जो 24 घंटे कार्यरत रहेंगे। इसके लिए विशेषतौर पर कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह निर्देश हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में हरियाणा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। यह भी पढ़ें: क्रशर यूनियन प्रधान से फिरौती मांगने वालों ने फिर की फायरिंग [caption id="attachment_438892" align="aligncenter" width="700"] हरियाणा के इन दो जिलों में जनरेटर सेट के इस्तेमाल पर लगा प्रतिबंध[/caption] उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बड़ी निर्माण परियोजनाएं जैसे राजमार्गों और मेट्रो प्रोजेक्ट कार्यान्वित करने वाली कंपनियां प्रदूषण के लिए निर्धारित मानदंडों एवं दिशा-निर्देशों का पालन करने का आश्वासन राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व प्रदूषण नियंत्रण समितियों को दें। साथ ही, विशेष रूप से लाल और नारंगी श्रेणी में आने वाले उद्योगों को भी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व प्रदूषण नियंत्रण समितियों को यह आश्वसान देना होगा कि वे केवल अधिकृत ईंधन का ही उपयोग करेंगे। [caption id="attachment_438894" align="aligncenter" width="700"] हरियाणा के इन दो जिलों में जनरेटर सेट के इस्तेमाल पर लगा प्रतिबंध[/caption] मुख्य सचिव ने गुरुग्राम और फरीदाबाद में विशेषतौर पर प्रदूषण कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए ताकि आमजन प्रदूषण से संबंधित समस्याओं व शिकायतों के लिए सीधे संपर्क कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि कंट्रोल रूम में आने वाली शिकायतों व समस्याओं का विश्लेषण किया जाए, जिससे यह समझने में आसानी होगी कि किस क्षेत्र में किस प्रकार की समस्या आ रही है और उसका निपटान जल्द किया जा सके।