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फसलों में आग की घटनाओं पर हुड्डा ने जताई चिंता, 25 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवाजा देने की मांग

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- April 16th 2022 04:43 PM
फसलों में आग की घटनाओं पर हुड्डा ने जताई चिंता, 25 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवाजा देने की मांग

फसलों में आग की घटनाओं पर हुड्डा ने जताई चिंता, 25 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवाजा देने की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूरे प्रदेश से गेहूं की फसल में आगजनी की घटनाओं पर गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने आगजनी से प्रभावित किसानों को कम से कम 25000 प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग की है। हुड्डा का कहना है कि अकेले रोहतक के मकडौली, रिठाल, बसंतपुर, ब्राह्मणवास, धामड़, खिड़वाली, निडाना, समरगोपालपुर, खरावड़, नींदाना, बहुअकबरपुर और सीसर गांव में सैंकड़ों एकड़ फसल जलकर खाक हो गई। इसी तरह हिसार,जींद , झज्जर ,फतेहाबाद आदि अलग-अलग जिलों में किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है। [caption id="attachment_487796" align="alignnone" width="700"]Crop Burnt in Fire  [/caption] भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कई जगहों पर कल आई आंधी के कारण शॉट सर्किट, तो कई जगह पर अन्य वजहों से आग लगी। ऐसे में सरकार द्वारा किसानों व आम जनता को जागरुक करने की कोशिश की जानी चाहिए। किसानों को इसके बारे में ज्यादा एहतियात बरतने की जरुरत है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीजन में दमकल विभाग की क्षमता को भी बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर तेज़ी से ज्यादा से ज्यादा गाड़ियां मौके पर पहुंच सके व बड़े नुकसान से किसानों को बचाया जा सके। आज किसान की फसल न खेत में सुरक्षित है और न ही मंडियों में। Hooda आरोप लगाते हुए हुड्डा ने कहा कि मंडियों में अपनी फसल लेकर पहुंच रहे किसानों की फसल को ढंकने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। लाखों टन अनाज खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। सरकार की तरफ से अब तक न उठान की कोई व्यवस्था की गई और न ही किसानों के भुगतान की। मौसम विभाग की तरफ से आने वाले दिनों में आंधी व बारिश की आशंका जताई गई है। ऐसे में फसल को खुले आसमान के नीचे रखना किसान और सरकार दोनों के लिए नुकसानदेह है। wheat procurement gets Underway from April 10, amid COVID-19 pandemic भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश का किसान मौसम की मार, महंगाई और आगजनी जैसी विपदाओं से जूझ रहा है। ऐसे उसे सरकारी मदद की दरकार है। खेड़ी चौपटा, बास और बालसमंद में किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। ऐसे में सरकार उनकी मांगों को अनसुना न करे और मुआवजे वितरण में भेदभाव न करे। सरकार तुरंत किसानों को मुआवजा दे।


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