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रोहतक: अग्निपथ योजना के विरोध में कांग्रेस में आज प्रदेश में प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि अग्निपथ योजना देश की सेना को कमजोर और उसके संख्याबल को कम करने का काम करेगी।
हुड्डा ने कहा कि जब देश आजाद हुआ तो देश के पास 4 लाख सैनिक थे, जो पिछले 70 सालों में बढ़कर 14 लाख हुए। लेकिन पिछले 3 साल से सेना की भर्ती नहीं होने की वजह से 2 लाख स्थायी पद खाली पड़े हैं। सरकार को चाहिए था कि वह खाली पड़े पदों पर पक्की भर्ती करती लेकिन, ऐसा करने की बजाए सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली योजना लेकर आ गई।
उन्होंने कहा कि अगर यह योजना लागू हुई तो धीरे-धीरे हमारी सेना का संख्याबल घटकर 6 लाख रह जाएगा। विशेषकर हरियाणा पर इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा। अब तक हरियाणा से हर साल 5 से 7 हजार युवा सेना में भर्ती होते थे। अगर 3 साल से रेगुलर भर्ती होती तो करीब 20 हजार युवा और सेना में जाते। लेकिन अग्निपथ योजना के तहत अब सिर्फ 963 अग्निवीर ही भर्ती होंगे। उनमें से भी 75 प्रतिशत को 4 साल बाद बेरोजगारी के दलदल में धकेल दिया जाएगा।
पूर्व सीएम हुड्डा ने हरियाणा सरकार द्वारा अग्निवीरों को पक्की नौकरी देने के दावे पर कहा कि सरकार हर साल रिटायर होने वाले पूर्व सैनिकों को नौकरी क्यों नहीं देती। सरकार को बताना चाहिए कि अबतक 29,275 पूर्व सैनिकों में से उसने सिर्फ 543 को ही नौकरी क्यों दी? अगर हरियाणा सरकार वास्तव में अग्निवीरों को नौकरी देना चाहती है तो पहले उन्हें हरियाणा में परमानेंट नौकरी देनी चाहिए और फिर 4 साल के लिए उन्हें डेपुटेशन पर सेना में भेजना चाहिए।
हुड्डा ने कहा कि वह किसी भी चीज का सिर्फ विरोध के लिए विरोध नहीं करते, बल्कि वह खुद सैनिक स्कूल के विद्यार्थी होने के नाते आधे सैनिक हैं। इसलिए वह सेना की कार्यप्रणाली को समझते हैं। भारतीय सेना का नाम पूरी दुनिया में सम्मान के साथ लिया जाता है। लेकिन केंद्र सरकार इजराइल का उदाहरण देकर देश पर अग्निपथ योजना को थोपना चाहती है, जबकि इजराइल और भारत की स्थिति अलग है। इजराइल जैसे छोटे देशों में बेरोजगारी नहीं है और वहां के लोगों को जबरदस्ती फौज में भेजा जाता है। जबकि सेना में भर्ती होने हमारे देश के युवाओं का सपना होता है और देश का युवा सैनिक बनकर खुद को गौरवान्वित महसूस करता है।-