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नई दिल्ली, हरप्रीत सिंह बंदेशा: नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कृषि कानूनों की वापसी पर कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने जो ऐलान किया है वो फैसला देरी से लिया गया है। सरकार अगर ये फैसला पहले ले लेती तो इतना नुकसान नहीं होता।
कानून वापसी को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसान और मजदूर की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि इस जीत के लिए किसानों ने लंबा संघर्ष किया है। मैंने अपनी जिंदगी में इससे लंबा संघर्ष नहीं देखा। धरने पर बैठे किसान अपनी लड़ाई लड़ रहे थे। सभी विपक्षी दलों की तरह मेरा भी समर्थन किसानों को था। कृषि कानून किसानों के हित में नहीं थे।
हुड्डा ने कहा कि मैं प्राइवेट मंडियों के विरोध में नहीं हूं, लेकिन प्राइवेट मंडी में भी एमएसपी लागू होनी चाहिए। एमएसपी के लिए स्वामीनाथन का c2 फार्मूला लागू होना चाहिए। जिन किसानों की मौत आंदोलन में हुई है उनके परिवार को हरियाणा सरकार मुआवजा और नौकरी दे।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकारी भर्तियों में एक के बाद एक सामने आ रहे घोटालों पर भी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार की सभी भर्तियों में जमकर लखी-करोड़ी का सिक्का चलता है। रुपयों की अटैचियों में पारदर्शिता बिकती है। आज प्रदेश में एचसीएस से लेकर ग्रुप-डी तक हर नौकरी का रेट तय है। एचएसएससी के बाद अब एचपीएससी की भर्तियों में हुए महाघोटालों के खुलासे से साफ है कि मौजूदा सरकार में हर नौकरी बिकाऊ है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पिछले कई सालों से सरकार लगातार भर्तियों में जारी घोटालों को छिपाने की कोशिश कर रही है, लेकिन घोटालों की भरमार इतनी है कि सरकार चाहकर भी उस पर पर्दा नहीं डाल पा रही। सरकार एक घोटाले को छिपाने की कोशिश करती है तो दूसरा सामने आकर खड़ा हो जाता है। किसी एक आरोपी को बचाने की कोशिश करती है तो दूसरा फंस जाता है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस लगातार सड़क से लेकर सदन तक प्रदेश में युवाओं के भविष्य के साथ हो रहे इस खिलवाड़ के खिलाफ आवाज उठा रही है। उनकी तरफ से बार-बार तमाम भर्ती, कैश फॉर जॉब, पेपर लीक, खाली ओएमआर शीट जैसे घोटालों की सीबीआई से करवाने की मांग की गई। यहां तक कि प्रदेश के गृहमंत्री ने भी विपक्ष की इस मांग का समर्थन किया, लेकिन सरकार ने ना विपक्ष की मांग मानी और ना ही अपने गृहमंत्री की।-