NIA के नोटिसों पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार को घेरा, कही ये बात
चंडीगढ़। खेती कानून के विरुद्ध चल रहे संघर्ष के दौरान कई किसान नेताओं और उनके हिमायतियें को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के नोटिस जारी करने की पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने निंदा की है। उन्होंने कहा कि डराने धमकाने वाले ऐसे हत्थकंडे किसानों को कमजोर नहीं कर सकते। [caption id="attachment_467406" align="aligncenter" width="700"] NIA के नोटिसों पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार को घेरा, कही ये बात[/caption] यह भी पढ़ें- किसानों की 26 जनवरी की परेड को अकाली दल ने किया समर्थन देने का ऐलान यह भी पढ़ें- वैक्सीनेशन के बाद स्वास्थ्य कर्मी की मौत, डॉक्टर बोले- वैक्सीन नहीं है वजह मुख्यमंत्री ने पूछा, ‘क्या यह किसान अलगाववादी और आतंकवादी लगते हैं?’ उन्होंने केंद्र को सावधान करते हुये कहा कि ऐसे ओछे ढंग किसानों की तरफ से लिए गए प्रण को कमजोर करने की बजाय उनको अपना रुख और सख्त करने के लिए मजबूर करेंगे। उन्होंने भारत सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुये कहा कि ऐसी डरानी कार्यवाहियों के जरिये वह किसानों के संघर्ष को दबाने पर तुली हुई है। [caption id="attachment_467408" align="aligncenter" width="696"] NIA के नोटिसों पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार को घेरा, कही ये बात[/caption] कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने चेतावनी देते हुये कहा कि अगर स्थिति हाथ से बाहर निकल गई तो इस पर काबू पाने के लिए भाजपा के सबसे शक्तिशाली नेता भी कुछ नहीं कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि खतरनाक खेती कानूनों के कारण पैदा हुए संकट को हल करने की बजाय भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आंदोलनकारी किसानों और उनके हिमायतियों को सताने और तंग परेशान करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम से किसान और भी सख्त रुख अपनाने के लिए मजबूर होंगे। [caption id="attachment_467405" align="aligncenter" width="700"] NIA के नोटिसों पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार को घेरा, कही ये बात[/caption] मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जाहिर है कि भाजपा के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. सरकार को न तो किसानों की चिंता है और न ही उनकी मानसिकता की समझ है। उन्होंने कहा, ‘पंजाबी स्वभाव से ही जुझारू होते हैं और उनकी जूझने की भावना उनको दुनिया में सर्वोत्तम योद्धा बनाती है।’ उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से उठाये जाने वाले सख्त कदमों से पंजाब के किसान इसकी नकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे।