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कैप्टन अभिलाषा देश की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बनने के बाद पहुंची गांव, ग्रामीणों ने किया जोरदार स्वागत

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Vinod Kumar
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कैप्टन अभिलाषा देश की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बनने के बाद पहुंची गांव, ग्रामीणों ने किया जोरदार स्वागत
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रोहतक/सुरेंद्र सिंह: भारतीय सेना को इतिहास में पहली बार आर्मी एविएशन कॉर्प्स के तौर पर पहली महिला अधिकारी मिली है। कैप्टन अभिलाषा बड़क को भारतीय सेना की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बनने का गौरव हासिल हुआ है। देश भर की सैन्य छावनियों में पली-बढ़ीं, कैप्टन अभिलाषा बड़क के लिए सेना में शामिल होना उनके करियर के लिए एक स्वाभाविक विकल्प था। जब हरियाणा की 26 वर्षीय महिला कैप्टेन ने रोहतक के अपने पैतृक गांव बालंद के सरकारी स्कूल की जमीन पर कदम रखा तब वहां बजी तालियों की गूंज देर तक सुनी गई। इस दौरान रोहतक रेंज आईजी ममता सिंह मुख्यथिति के रूप में उपस्थित रहीं, साथ ही आईपीएस मेधा भूषण भी मौजूद रही।
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publive-image सेना की एविएशन कोर में पहली बार महिला पायलट चुने जाने पर कैप्टन अभिलाषा बड़क को बधाई देने वालों का तांता लग गया। अभिलाषा का कहना है की उनके पिता की जन्मभूमि पर पूरे 10 साल बाद आई हैं, जिस खुशी को वो शब्दों में ब्यान नहीं कर सकती। उनका कहना है कि हर बेटी आसमान छू सकती है, जरूरत है तो बस परिवार के सपोर्ट की। publive-image वहीं, रोहतक रेंज आई जी ममता सिंह का कहना है कि देश के लिए बहुत गर्व की बात है कि रोहतक की बेटी ने प्रदेश का नाम रोशन किया है। मां-बाप का सबसे खुशी का दिन तब होता है जब माता-पिता को लोग उनके बच्चों की उपलब्धि के नाम से जानते हैं। वही ख़ुशी का दिन आज कैप्टन अभिलाषा बड़क के पिता का है। publive-image गौरतलब है की वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनि चतुर्वेदी साल 2018 में लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी। अब अभिलाषा ने कॉम्बैट एविएटर बनकर भारतीय सेना के इतिहास में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज करा दिया है। फिलहाल एविएशन डिपार्टमेंट में महिलाओं को एयर ट्रैफिक कंट्रोल और ग्राउंड ड्यूटी की जिम्मेदारी दी जाती है, लेकिन अब ये पायलट की जिम्मेदारी भी संभालेंगी।-
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