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हरियाणा: लॉकडाउन में बढ़े बाल विवाह और नाबालिग बच्चियों के गर्भवती होने के मामले, NGO की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Written by  Vinod Kumar -- October 06th 2022 10:41 AM
हरियाणा: लॉकडाउन में बढ़े बाल विवाह और नाबालिग बच्चियों के गर्भवती होने के मामले, NGO की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

हरियाणा: लॉकडाउन में बढ़े बाल विवाह और नाबालिग बच्चियों के गर्भवती होने के मामले, NGO की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

चंडीगढ़: बेशक कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते काम-धंधे बंद थे, लेकिन कोरोना काल में बाल विवाह और नाबालिग गर्भवती के ग्राफ में बढ़ोतरी दर्ज की गई। प्रदेश में पिछले सात सालों में बाल विवाह का ग्राफ 7 फीसदी बढ़ा है। नाबालिग बच्चियों के गर्भवती होने के मामले में 2 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। यह आंकड़े बाल विवाह पर काम करने वाली स्वयं सेवी संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन द्वारा तैयार की गई स्टेट फैक्ट सीट में उजागर किए गए हैं। वर्ष 2019 में कोरोना की दस्तक से बाल विवाह में ऐसा उछाल आया कि वर्ष 2020 में यह आंकड़ा तकरीबन दोगुना हो गया और वर्ष 2021 में भी दूसरी व तीसरी लहर में बाल विवाह की रफ्तार ऐसे ही जारी रही। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक हरियाणा में 2019 में बाल विवाह के 20 मामले सामने आए हैं, जबकि 2020 में यह ग्राफ बढ़कर 33 पर पहुंच गया। वर्ष 2021 में भी 33 बाल विवाह के मामले दर्ज हुए। लैंगिक अनुपात में भी हरियाणा की स्थिति अच्छी नहीं है। दूसरे राज्यों में नाबालिग बच्चियों को खरीदकर यहां लाने और शादी करने के मामले भी लगातार सामने आते हैं। लिहाजा इस स्थिति को देखते हुए स्वयंसेवी संस्था 16 अक्टूबर को बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत करने जा रही है। हरियाणा के सभी जिलों में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत कार्यक्रम होंगे, खासकर ग्रामीण स्तर पर आंगनबाड़ी वर्करों के सहयोग से लोगों को जागरूक किया जाएगा। मेवात व हिसार में बढ़ रहे बाल विवाह के मामले प्रदेश के मेवात और हिंसा में बाल विवाह के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन जिलों में गरीबी रेखा से नीचे वाला तबका सबसे ज्यादा शामिल है। इनमें कई जातियां ऐसी हैं, जोकि बाल विवाह को ज्यादा तवज्जो देती हैं। वर्ष 2020 में बाल विवाह में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2015-2016 में बाल विवाह की दर 12.5 फीसद थी, जो 2019-20 में में बढ़कर यह 19.4 फीसद हो गई है। बच्चों के अवैध व्यापार का भी बढ़ा ग्राफ प्रदेश में बच्चों की तस्करी भी लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2019 में बच्चों की तस्करी के 6 मामले सामने आए थे, लेकिन 2020 में यह बढ़कर 7 पर पहुंच गए और 2021 में इनमें तीन गुणा बढ़ोतरी हुई। इस साल 21 मामले सामने आए। 2019 में तीन लड़कियां और तीन लड़के तस्करी का शिकार हुए। 2021 में 20 लड़कियां और एक लड़का मानव तस्करी की भेंट चढ़ा। इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 250 फीसद पर पहुंच गया। पोस्को एक्ट व बच्चों के गुमशुदगी में भी हुई बढ़ोतरी प्रदेश में बच्चों की गुमशुदगी में भी बढ़ोतरी हुई है। पिछले तीन सालों में 17 फीसद ग्राफ बढ़ा है। 2019 में बच्चों के गुम होने के 2815 मामले सामने आए और 2021 में 2343 मामले सामने आए। इसके साथ ही पोस्को एक्ट के मामलों में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2019 में 2074, 2020 में 1853 और 2021 में 2249 मामले पोस्को एक्ट के तहत दर्ज हुए।


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