केंद्र द्वारा हिमाचल के करों में हिस्सा काटने की बात तथ्यहीन, प्रदेश सरकार ने जारी किया स्पष्टीकरण
शिमला। हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से अपने हिस्से के अनुसार केंद्रीय करों की अप्रैल, 2020 की राशि समय पर प्राप्त हो चुकी है। प्रदेश सरकार को अप्रैल, 2020 में केंद्र सरकार द्वारा 1899 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं, जिसमें राजस्व घाटा प्रतिपूर्ति, जीएसटी घाटा प्रतिपूर्ति, केंद्रीय करों में हिमाचल का हिस्सा, मनरेगा की राशि, एनएचएम कार्यक्रम, आपदा राहत राशि एवं ईएपी शामिल हैं। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि कोविड-19 की महामारी के मद्देनजर केंद्र ने राज्यों की वेज एंड मीन्स की सीमा भी 60 प्रतिशत बढ़ा दी है। इससे हिमाचल प्रदेश को कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में बल मिलेगा। उन्होंने मीडिया में प्रसारित उन समाचारों को पूरी तरह से भ्रामक और तथ्यहीन बताया है, जिनमें केंद्र द्वारा हिमाचल के करों में हिस्सा काटने की बात कही गई है। केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश का करों में हिस्सा काटने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। केंद्र सरकार संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार ही सभी राज्यों को उनके लिए प्राधिकृत केंद्र के करों में जो हिस्सा होता है, उसके अनुसार ही सभी राज्यों को जारी करती है। किसी भी राज्य का न तो हिस्सा काटा जा सकता है और न ही किसी भी राज्य को उसके हिस्से से अधिक केंद्रीय करों की राशि दी जा सकती है। वर्तमान में कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर संपूर्ण विश्व में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है। भारत और हिमाचल प्रदेश भी इस मंदी से अछूते नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के लिए हमेशा ही उदार रवैया अपनाया गया है। प्रवक्ता ने केंद्र सरकार का हिमाचल प्रदेश को अपने हिस्से के अनुसार केंद्रीय करों की अप्रैल, 2020 की राशि समय पर प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। ---PTC NEWS---