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चंडीगढ़/अभिषेक तक्षक: बिजली कर्मियों की हड़ताल की वजह से चंडीगढ़ शहर में करीब 41 घंटे तक बिजली गुल रही थी। पूरा शहर अंधेरे में डूबा रहा था। वहीं, पीने के पानी की सप्लाई और ट्रैफिक व्यवस्था भी बुरी तरह से चरमरा गई थी। क्योंकि बिजली ना होने की वजह से पानी की सप्लाई बाधित हुई और ट्रैफिक लाइटों के बंद होने से सड़कों पर यायात व्यवस्था बिगड़ गई।
कहीं ना कहीं बिजली कर्मचारियों की इस हड़ताल की वजह से शहर को काफी नुकसान पहुंचा है, लेकिन अब प्रशासन व्यवस्था को बिगाड़ने वाले बिजली कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है, जिससे बहुत से बिजली कर्मियों की नौकरी जा सकती है।
अब हड़ताल पर जाने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें बर्खास्त किया जाएगा, जबकि रेगुलर कर्मचारियों पर अनुशासनहीनता और एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने 150 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को निकालने की तैयारी कर ली है। इनको कभी भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। डिपार्टमेंट में 400 आउटसोर्स कर्मचारी हैं। सबसे पहले इन्हीं पर एक्शन हो रहा है।
मामले की पूरी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट को इस कमेटी में शामिल किया जाएगा। हड़ताल के दौरान किस तरह का नुकसान इलेक्ट्रिकल सिस्टम को हुआ, कौन कौन इसमें शामिल थे, कहां कहां तारें तोड़ी गईं या बाकी नुकसान किया गया इसको लेकर ये कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी और 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपेंगी। इसके लिए प्रशासक ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वे इन्वेस्टिगेशन तेज करें और जैसे ही इन कर्मियों की पहचान होती है वो अपनी रिपोर्ट सौंपे।
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