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पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न उद्योगों और गौशालाओं से किया गया संपर्क

Written by  Arvind Kumar -- November 19th 2019 04:38 PM
पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न उद्योगों और गौशालाओं से किया गया संपर्क

पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न उद्योगों और गौशालाओं से किया गया संपर्क

चंडीगढ़। हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 6 नवंबर, 2019 से अब तक पराली न जलाने के लिए प्रदेश के 143 छोटे एवं सीमांत किसानों को 100 रुपये प्रति क्विटंल की दर से 7 लाख 28 हजार 730 रुपये प्रोत्साहन राशि वितरित की जा चुकी है। [caption id="attachment_361549" align="aligncenter" width="700"]CS Meeting पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न उद्योगों और गौशालाओं से किया गया संपर्क[/caption] मुख्य सचिव ने जिला उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि पराली के एक्स-सीटू और इन-सीटू प्रबंधन के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर और स्ट्रॉ बेलर यूनिट संचालकों को परिचालन लागत के रूप में दी जाने वाली 1000 रुपये प्रति एकड़ की राशि से संबंधित मामलों का सत्यापन जल्द कर राशि जारी की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मुख्यत: आज और कल इन दो दिनों में पराली जलाने की एक भी घटना नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन गांवों में पराली जलाने के मामले सामने आते हैं तो उन गांवों के सरपंचों और गांवों में नियुक्त नोडल अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए। [caption id="attachment_361548" align="aligncenter" width="700"]CS Meeting 2 पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न उद्योगों और गौशालाओं से किया गया संपर्क[/caption] मुख्य सचिव ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सैटेलाइट इेमेज का भी सहारा लिया जाए। इसके अलावा मौके पर जाकर आस-पास के क्षेत्र की भी जांच करके प्रत्यक्ष सत्यापन किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि धान की फसल की कटाई अंतिम चरण पर है, इसलिए अधिकारी और सजग रह कर कार्य करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण फसल अवशेष से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर गंभीर है। बैठक में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा अवगत करवाया गया कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल पराली जलाने की घटनाओं में 31.07 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। 6 नवंबर, 2019 से अब तक 64.55 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। बैठक में बताया गया कि पराली प्रबंधन पर कदम उठाते हुए 14,512 एकड़ भूमि का इन-सीटू और 15,066 एक्स-सीटू प्रबंधन किया गया है। बैठक में बताया कि पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न उद्योगों और गौशालाओं से संपर्क किया गया है ताकि पराली का सही तरीके से प्रयोग किया जा सके। यह भी पढ़ें : जानिए मनोहर कैबिनेट की बैठक में लिए गए कौन से निर्णय? ---PTC NEWS---


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