केंद्र के अधिनियमों को अमान्य करने के लिए राज्य को ‘प्रमुख मार्केट यार्ड’ घोषित करे सीएम: सुखबीर बादल
चंडीगढ़। शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा कि वह पूरे पंजाब राज्य को कृषि उत्पादों के लिए ‘प्रमुख मार्केट यार्ड’ घोषित करें ताकि राज्य में कृषि मंडीकरण पर केंद्र के नवीनतम अधिनियम लागू न हों। सरदार बादल ने कहा कि यह पंजाब के लिए सबसे अच्छा, तेज और सबसे प्रभावी तरीका है कि राज्य में केंद्र के नवीनतम किसान विरोधी अधिनियम के आवेदन से पहले ही रोक दिया जाए क्योंकि केंद्र द्वारा लागू किए गए कानून किसी भी राज्य सरकार द्वारा घोषित प्रमुख बाजार यार्ड पर लागू नही होंगे, इसीलिए पंजाब सरकार को बिना किसी देरी के कार्रवाई करनी चाहिए। यह भी पढ़ें: कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली को पुलिस ने समालखा में रोका, दिल्ली कूच की थी तैयारी सरदार बादल ने कहा कि राज्य सरकार के पास पूरे राज्य को ‘प्रमुख बाजार यार्ड, सब मार्केट यार्ड तथा मार्केट सबयार्ड’ करने की ताकत है। केंद्र द्वारा वर्तमान अधिनियमों के प्रावधान इन यार्ड यां चिंहित क्षेत्रों को कानून के अधिकार क्षेत्र से छूट देते हैं। इस प्रकार, यदि पंजाब सरकार पूरे राज्य को एक प्रमुख मार्केट यार्ड’ घोषित करती है तो केंद्र का अधिनियम स्वचालित रूप से निष्क्रिय हो जाएगा और राज्य के किसी भी हिस्से पर लागू नहीं होगा। शिरोमणी अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि परिणामस्वरूप मार्केट में प्रवेश करने वाले निजी खिलाड़ियों को राज्य खरीद एजेंसियों पर लागू कानूनों के एक ही सेट के तहत प्रतिस्प्रर्धा करनी होगी। सरदार बादल ने कहा कि इन संशोधनों को रदद करने में कैप्टन सिंह की विफलता की स्थिति में ‘शिरोमणी अकाली दल राज्य में सरकार बनने पर पहली कैबिनेट मीटिंग में इन्हें रदद कर देगी। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो आर्डिनेंस के जरिए या सैक्शन 7-ए एपीएमसी के तहत विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति से मिला अकाली दल का प्रतिनिधिमंडल, कृषि बिलों पर हस्ताक्षर ना करने का आग्रह सरदार बादल ने यह प्रस्ताव उनकी पार्टी द्वारा राष्ट्रपति से तीन कृषि विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने के कहे जाने के बाद आया है। राष्ट्रपति की प्रतिक्रिया का अभी भी इंतजार है लेकिन शिरोमणी अकाली दल इन अधिनियमों के खतरनाक प्रावधानों के लागू होने से पहले ही इसे लागू करना चाहता है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि अमरिंदर तुरंत ऐसा करे ताकि अधिनियमों के लागू होने के बाद किसी भी तकनीकी यां कानूनी अड़चनों की संभावना से बचा जा सके। अकाली सुप्रीमों ने कहा कि अब बर्बाद करने का समय नहीं बचा है। सरदार बादल ने यह भी घोषणा की है कि शिरोमणी अकाली दल इन अधिनियमों को पंजाब में लागू नहीं होने देगा चाहे हमें कोई भी कदम उठाना पड़े तथा कोई भी कीमत चुकानी पड़े। अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह आज ऐसा नहीं करते हैं तो वह पंजाब के निजी कॉरपोरेट की शार्कों के लिए पंजाब के किसानों को तबाह कर देंगे। सरदार बादल ने कहा कि उन्हें आज ही ऐसा करना चािहए ताकि केंद्र इन नए अधिनियमों को पंजाब में लागू करने का अवसर न मिले। सरदार बादल ने घोषणा की कि यदि कैप्टन सिंह ने अब अपनी पार्टी और किसानों की दलीलों को नहीं सुना तो शिरोमणी अकाली दल सरकार बनते ही यह पहला कदम उठाएगा। शिरोमणी अकाली दल अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से उन संशोधनों को रदद करने की भी मांग की जो उन्होंने राज्य एपीएमसी एक्ट के तहत लाए थे, इन संशोधनों में ऐसा प्रावधान है कि जो केंद्र के अधिनियमों के समान है जिनका कैप्टन अमरिंदर सिंह विरोध का दावा करते हैं। यह बेहद अजीब बात है कि मुख्यमंत्री ने उन्हीं अधिनियमों को अपने राज्य में लागू किया जिसका अब वह केंद्रीय कानून में विरोध का दावा करते हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के पंजाब एक्ट और केंद्र एक्ट के प्रावधानों में सिर्फ इतना फर्क है कि संसद द्वारा पारित अधिनियम पूरे देश में लागू होते हैं जबकि अमरिंदर का एपीएमसी एक्ट संशोधन केवल उनके राज्य में लागू होता है तथा यह पंजाब के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। राज्य की कांग्रेस सरकार को पंजाब के लिए इस आत्मघाती विरोधाभास पर सफाई देने और उसके द्वारा बनाए गए संशोधनों को रदद करने की जरूरत है।