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नालागढ़। औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के सल्लेवाल में एक फैक्टरी में सैंकड़ों मजदूरों के साथ शोषण का मामला सामने आया है। प्रबंधन ने रातों-रात कंपनी को बिना मजदूरों को बताए बेच दिया। जिसके चलते 300 से ज्यादा कामगार बेरोजगार होने की कगार पर आ चुके हैं। मजदूरों को नोटिस मिलने के बाद जब कंपनी के बेचे जाने की बात का पता चला तो कंपनी के सैंकड़ों मजदूरों ने कंपनी के गेट पर अपना रोष जताया।
मजदूर एग्रीमेंट के हिसाब से मांग रहे अपना हक
एग्रीमेंट के हिसाब से भुगतान नहीं तो आंदोलन
मजदूरों का कहना है कि फैक्टरी मालिक हिमाचल सरकार के टैक्सों में 10 साल की छूट का फायदा लेकर अब भागने की फिराक में है। मजदूरों का कहना है कि अगर उनको एग्रीमेंट के हिसाब से भुगतान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में वो कंपनी के गेट पर इकट्ठे होकर आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।
मजदूरों ने लेबर इंस्पेक्टर पर लगाए सनसनीखेज आरोप
वहीं कंपनी मजदूरों ने लेबर इंस्पेक्टर नालागढ़ पर भी सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। मजदूरों का कहना है कि जब वे शिकायत देने गए तो लेबर इंस्पेक्टर ने उनकी शिकायत लेने से मना कर दिया और यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि आगे सीनियर अधिकारी से मिले।
ये है वो फैक्टरी जो रातों-रात बेच दी गई।
कब मजदूरों को मिलेगा उनका हक ?
कुल मिलाकर जहां हिमाचल सरकार प्रदेश में युवाओं को रोजगार देने के बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन इन दावों की पोल औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के उद्योग खोल रहे हैं। अब देखना यही होगा कि कब कंपनी मालिक पर सरकार या प्रशासन कार्रवाई करता है और कब इन मजदूरों को उनका हक मिलता है।
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