तेल के दाम में अप्रत्याशित गिरावट, उत्पादन इतना की तेल रखने की जगह नहीं
नई दिल्ली। कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन से पूरी दुनिया में तेल की मांग घटी है जिसके कारण तेल के दामों में अप्रत्याशित गिरावट आई है। सोमवार को बाजार में कच्चे तेल की कीमत शून्य से नीचे 37.63 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई। यह अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) की कीमत में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट है। तेल उत्पादन रोका नहीं जा सकता है, इसलिए तेल उत्पादक देशों ने तेल बेचने के लिए ऑफर भी दिए हैं। भारत तेल आयात करने वाला दुनिया में दूसरे सबसे बड़ा देश है और हमारे पास भंडारण की भी असाधरण क्षमता है। हालांकि इस सबके बावजूद भारत के लोगों को इसका ज्यादा लाभ नहीं मिल सकेगा क्योंकि भारत की निर्भरता ब्रेंट क्रूड की सप्लाई पर है, ना कि डब्ल्यूटीआई पर। इसलिए भारत पर अमेरिकी क्रूड के नेगेटिव होने का खास असर नहीं पड़ेगा। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में अप्रत्याशित गिरावट से सरकार ने लाखों रुपए का मुनाफा अर्जित किया है, इसलिए कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न संकट से जूझ रहे गरीबों में उसे यह लाभ बांटना चाहिए। ---PTC NEWS---