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चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा है कि किसानों को जोखिम-फ्री बनाने की दिशा में पहल करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। इस कड़ी में आगे बढ़ते हुए गत वर्ष फसलों की आगजनी को प्राकृतिक आपदा श्रेणी में शामिल किया गया था और अब नहर टूटने या ओवर-फ्लो के कारण होने वाले फसलों के नुकसान की भरपाई भी की जाएगी। इसके अलावा, बाढ़ से अगर किसी किसान का नलकूप खराब हो जाता है, तो इसके लिए भी सरकार शीघ्र ही एक नीति बनाएगी।
नहर टूटने या ओवर-फ्लो से फसलों के होने वाले नुकसान की भरपाई करेगी सरकार
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कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ मंगलवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भावान्तर भरपाई योजना में शामिल आलू, टमाटर, गोभी और प्याज के लिए एक-एक रुपये भरपाई का दायरा बढ़ाया जाएगा। आलू व टमाटर में यह चार रुपये से बढ़ाकर 5 रुपये तथा गोभी व प्याज के लिए छ: रुपये किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले वर्ष भावान्तर भरपाई योजना के तहत 10579 एकड़ रकबे को कवर किया गया और 4435 किसानों ने पंजीकरण करवाया था,जिन्हें लगभग 12 लाख रुपये की भरपाई की गई। इस तरह दूसरे वर्ष 20346 किसानों ने 66250 एकड़ का पंजीकरण करवाया तथा उन्हें 9.40 करोड़ रुपये की भरपाई की गई। इस योजना के तहत 25 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
नहर टूटने या ओवर-फ्लो से फसलों के होने वाले नुकसान की भरपाई करेगी सरकार
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कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों की मेहनत और उन्होंने किसानों के हाईटेक होने के कारण हरियाणा ने सबसे पहले प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए केन्द्र सरकार को डाटा उपलब्ध करवाया। इसके परिणामस्वरूप हरियाणा के 9,63,821 किसानों को सम्मान निधि की पहली किश्त तथा 935929 को दूसरी किश्त मिल पानी सम्भव हुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर किसान को सालाना 6 हजार रुपये उपलब्ध करवाने की नई पहल की और अब तो पांच एकड़ या दो हैक्टेयर की शर्त को भी हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी किसानों के लिए कारगर सिद्ध हो रही है। अब तक 1846 करोड़ रुपये की राशि किसानों को दी जा चुकी है। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज सन्धू तथा निदेशक अजीत बालाजी जोशी भी उपस्थित थे।
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