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बोलने-सुनने में असमर्थ लेकिन जिंदगी से नहीं कोई शिकवा, कहानी एक ई-रिक्शा चालक की

Written by  Arvind Kumar -- March 10th 2019 12:23 PM -- Updated: March 10th 2019 12:25 PM
बोलने-सुनने में असमर्थ लेकिन जिंदगी से नहीं कोई शिकवा, कहानी एक ई-रिक्शा चालक की

बोलने-सुनने में असमर्थ लेकिन जिंदगी से नहीं कोई शिकवा, कहानी एक ई-रिक्शा चालक की

करनाल। (डिंपल चौधरी) इंसान की कमजोरी और उसकी ताकत उसकी सोच पर निर्भर करती है। अगर सोच पक्की हो तो आदमी कभी हार नहीं सकता। दुनिया में हर कोई सम्पूर्ण नहीं है, किसी ना किसी की कोई ना कोई कमजोरी जरूर होती है। कुछ इस कमजोरी से हार जाते हैं तो कुछ अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना लेते हैं। ऐसा ही एक शख्स है करनाल के घोग्डीपुर का दीपक। जो ना ही कुछ बोल सकता है और ना ही कुछ सुन सकता है। लेकिन इसके बावजूद भी दीपक के हौंसले बुलंद है, जिंदगी से शिकवा करने की बजाए दीपक जिंदगी को खुलकर जीने की काबलियत रखता है। वह ना केवल खुलकर जीता है बल्कि अपने दम पर काम करके अपना पालन पोषण भी कर रहा है! [caption id="attachment_267405" align="aligncenter" width="700"]Deepak E Rickshaw Driver ई रिक्शा चालक तो आपने बहुत देखे होगे लेकिन दिपक जैसे किसी से शायद ही आप मिले होंगे।[/caption] बोलने-सुनने में असमर्थ दीपक पिछले कई साल से ई रिक्शा चला रहा है। दीपक ने मुसाफिरों से उनकी मंजिल के रास्ते के बारे में जानने का एक अच्छा तरीका अपनाया हुआ। [caption id="attachment_267404" align="aligncenter" width="700"]Deepak Karnal दीपक ने मुसाफिरों से उनकी मंजिल के रास्ते के बारे में जानने का एक अच्छा तरीका अपनाया हुआ।[/caption] यह भी पढ़ेंकल तक जो रिक्शा चलाता था आज उसका टर्नओवर करोड़ों में है शहर के अलग- अलग जगहों की तस्वीरे और नाम को दिखाकर वह मुसाफिरों से उनकी मंजिल के बारे में पूछता है और फिर उन्हें उनकी मंजिल पर पहुंचा कर आगे निकल जाता है। रोजाना 500 की कमाई करके जब वह घर जाता है तो उसे अपनी मेहनत की कमाई की रोटी खाकर एक सुकून मिलता है जो आदमी मांगकर कभी नहीं पा सकता! [caption id="attachment_267406" align="aligncenter" width="700"]Deepak Karnal आज जरूरत है तो सभी को दीपक से सीख लेने की[/caption] आज संसार में हर कोई दुखी है। कोई दुःख से लड़ता है तो कोई हार मान जाता है। ऐसे ही लोगों के लिए दीपक एक प्रेरणा है। आज जरूरत है तो सभी को दीपक से सीख लेने की कि जीवन में परेशानियां जैसी भी हों लेकिन मरते दम तक हार नहीं माननी चाहिए! यह भी पढ़ेंपति की मौत के वक्त संस्कार के लिए नहीं थे पैसे, आज अपने पैरों पर खड़ी है कंचन (Video)


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