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चंडीगढ़। पराली जलाने के बाद बढ़े प्रदूषण के स्तर से सरकार हरकत में आ गई है। मुख्यत पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की सरकारों ने इससे निपटने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जहां हरियाणा सरकार पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूक कर रही है। वहीं पराली जलाने वाले की सूचना पर इनाम भी रखा है। इसी प्रकार से पंजाब में भी पराली जलाने की घटनाओं को लेकर मामले दर्ज किए जाए रहे हैं। उधर दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए आज से ऑड इवन फार्मूला लागू किया गया है।
इस सब के बीच हरियाणा से राहत की खबर आ रही है। यहां पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने ट्विटर पेज पर पिछले 48 घंटों का फायर डाटा सामने रखा है। जिसमें देखा जा सकता है कि हरियाणा में पराली काफी कम संख्या में जलाई जा रही है जबकि पंजाब में बड़े स्तर पर पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं!Fire data of the past 48 hours pic.twitter.com/fS4aIYoXOU
— Manohar Lal (@mlkhattar) November 4, 2019
सोनीपत में नाम मात्र ही पराली जलाने के केस सामने आये हैं। प्रदेशभर में नम्बर एक पर पराली न जलने के मामले में सोनीपत जिला है। सोनीपत में महज 8 जगह ही किसानों ने पराली जलाई है। पिछले साल इसके 44 केस सामने आये थे।इसे लेकर कृषि विभाग ने किसानों को बधाई दी है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सोनीपत जिले के किसानों से अन्य किसानों को सीख लेनी चाहिए।
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हालांकि प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन अभी भी लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं मिली है। प्रदूषण से निपटने के लिए स्थाई समाधान की आवश्यकता है ताकि हर वर्ष इस तरह की स्थिति का लोगों को सामना ना करना पड़े।
---PTC NEWS----