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स्वास्थ्य घोटाले के बाद दुष्यंत ने अब इस घोटाले का किया पर्दाफाश, सीधे सीएम पर आरोप

Written by  Arvind Kumar -- February 18th 2019 06:05 PM -- Updated: February 18th 2019 06:09 PM
स्वास्थ्य घोटाले के बाद दुष्यंत ने अब इस घोटाले का किया पर्दाफाश, सीधे सीएम पर आरोप

स्वास्थ्य घोटाले के बाद दुष्यंत ने अब इस घोटाले का किया पर्दाफाश, सीधे सीएम पर आरोप

चंडीगढ़। हरियाणा में स्वास्थ्य घोटाला उजागर करने के बाद अब हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला ने गुरुगाम में नेशनल हाइवे-8 से सटी प्राइम लोकेशन की 13 एकड़ जमीन को गलत तरीके से रास्ता देने का मामला उठाया है। चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सांसद ने बताया कि गुरुग्राम के सेक्टर-16 में एक निजी बिल्डर की जमीन है जिसकी शुरूआती डिजाइन और प्लानिंग में रास्ता स्थानीय सेक्टर रोड से होते हुए था। बिल्डर की जमीन और नेशनल हाइवे के बीच हुडा की ग्रीन बेल्ट है। बिल्डर ने पहले ग्रीन बेल्ट के पास से होते हुए एक अन्य सड़क तक रास्ता सरकार से मांगा जो सड़क नेशनल हाइवे में मिलती है। लेकिन राज्य सरकार ने कमाल की दरियादिली दिखाते हुए बिल्डर को ग्रीन बेल्ट के बीचों बीच सीधा रास्ता बनाकर दे दिया। बिल्डर की जमीन का नेशनल हाइवे के लिए जो रास्ता लगभग 2 किलोमीटर का था, वो घटकर 200 मीटर रह गया और इस नए रास्ते का इस्तेमाल सिर्फ बिल्डर की जमीन पर जाने के लिए ही होगा क्योंकि यह रास्ता नेशनल हाइवे से शुरू होकर बिल्डर की जमीन पर खत्म हो रहा है। [caption id="attachment_258474" align="aligncenter" width="700"]Dushyant Chautala दुष्यंत ने कहा कि सरकार ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी से रास्ते की इजाज़त खुद ली[/caption] सांसद दुष्यंत चौटाला ने आरोप लगाया कि इस पूरी प्रक्रिया में मुख्य रूप से दो गलत काम किए गए और दोनों की ही पुष्टि सरकारी रिकॉर्ड, आरटीआई और सीएजी की साल 2017 की रिपोर्ट से होती है। दुष्यंत ने कहा कि पहला गलत काम ये कि सरकार ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी से रास्ते की इजाज़त खुद ली और पब्लिक इंटरेस्ट के नाम पर ली। बिल्डर की जमीन तक रास्ते की इजाज़त HUDA के अधिकारियों ने चिट्ठी लिखकर अपने लिए इजाज़त ली, ना कि बिल्डर के नाम से। आरटीआई से मिली जानकारी में साफ लिखा है कि हरियाणा सरकार ने हुडा विभाग के गुरुग्राम के डिवीजन-3 के कार्यकारी अभियंता के जरिए यह इजाज़त हासिल की। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यह सरकार के स्तर पर अनैतिक काम है और इससे बिल्डर की जमीन की कीमत कई गुणा बढ़ गई। 13 एकड़ का यह प्रोजेक्ट अगर 500 करोड़ का था तो नेशनल हाइवे से सीधा जुड़ने का बाद यह 1500 करोड़ का हो गया होगा। यह भी पढ़ेंपंचकूला में बोले दिग्विजय, आतंकी हमले के बाद दिए अपने बयान को वापस ले सिद्धू सांसद दुष्यंत चौटाला ने बताया कि दूसरा गलत काम यह किया गया कि बिल्डर की जमीन के लिए जो रास्ता दिया गया, उसमें इस्तेमाल हुई सरकारी जमीन के बदले बिल्डर से ना कोई जमीन ली गई, ना ही उसकी कीमत ली गई। CAG-2017 की रिपोर्ट में पेज 106 पर यह साफ लिखा गया है कि जमीन के बदले जमीन ना लेकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया। कुल 4930 वर्ग मीटर जमीन दी गई जिसके बदले बिल्डर से जमीन ली जानी चाहिए थी। [caption id="attachment_258472" align="aligncenter" width="700"]Dushyant Chautala सांसद ने आरोप लगाया कि कुल मिलाकर बिल्डर को लगभग 1000 करोड़ रुपये का फायदा इस प्रक्रिया में पहुंचाया गया।[/caption] सांसद ने कहा कि जिस जगह यह प्रोजेक्ट है, वहां जमीन की मार्केट वैल्यू लगभग ढाई लाख रुपये वर्ग मीटर है। इस हिसाब से लगभग 160 करोड़ रुपये कीमत की जमीन बिल्डर से ली जानी चाहिए थी जो नहीं ली गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद ने आरोप लगाया कि कुल मिलाकर बिल्डर को लगभग 1000 करोड़ रुपये का फायदा इस प्रक्रिया में पहुंचाया गया। विशेष बात यह है कि प्रोजेक्ट की फाइल पर मंजूरी खुद मुख्यमंत्री ने साल 2015 में दी थी। बाकायदा दो जगह मुख्यमंत्री के नाम से फाइल को देखे जाने और प्रोजेक्ट को मंजूरी देने की नोटिंग है। साल 2017 की CAG की रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि सरकार ने जमीन के बदले जमीन ना लेकर गलत काम किया है। यह भी पढ़ें : दीपेंद्र का बीजेपी को जवाब, कहा-70 साल में इतनी बेरोजगारी नहीं बढ़ी जितनी 5 साल में सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि खट्टर सरकार ने बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का यह तरीका हुड्डा सरकार से सीखा है। दुष्यंत ने कहा कि जैसे हुड्डा सरकार में रॉबर्ड वाड्रा ने 5 करोड़ में जमीन खरीदी, सरकार ने उसका CLU किया और वाड्रा ने वो जमीन डीएलएफ को 55 करोड़ में बेच दी, यानी सरकार ने सुविधा देकर जमीन की कीमत दस गुणा बढ़ा दी। वैसे ही इस मामले में भी हाइवे से रास्ता मिल जाने के बाद जमीन को एक बड़े बिल्डर ने खरीद लिया है। इससे यह तय हो जाता है कि सरकार की मदद से जमीन की हाइवे से रास्ते की सुविधा दिलवा दी गई और फिर उसे बड़े बिल्डर को बेच दिया गया। [caption id="attachment_258473" align="aligncenter" width="700"]Dushyant Chautala दुष्यंत चौटाला ने मांग की कि इस मामले की जांच हाइकोर्ट के किसी सिटिंग जज से करवाई जाए।[/caption] दुष्यंत चौटाला ने मांग की कि इस मामले की जांच हाइकोर्ट के किसी सिटिंग जज से करवाई जाए। साथ ही अगर मुख्यमंत्री यह दावा करते हैं कि इस मामले में कोई अनैतिक काम या सरकारी खजाने को नुकसान नहीं हुआ है तो आने वाले विधानसभा सत्र में इस पर श्वेत पत्र जारी करें। साथ ही उन्होंने कहा कि जेजेपी समर्थित विधायक इस पर विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लेकर आएंगे। यह भी पढ़ेंसिरसा में गरजे सुखबीर बादल, वोट की अपील के साथ कांग्रेस पर किए सियासी हमले


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