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किसान परिवारों की आर्थिक प्रगति और विकास सरकार का दायित्व: मुख्यमंत्री

Written by  Arvind Kumar -- June 11th 2020 08:51 AM
किसान परिवारों की आर्थिक प्रगति और विकास सरकार का दायित्व: मुख्यमंत्री

किसान परिवारों की आर्थिक प्रगति और विकास सरकार का दायित्व: मुख्यमंत्री

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों के हितों और भावी पीढ़ी के लिए भू-जल संरक्षण के उद्देश्य से शुरू की गई योजना मेरा पानी मेरी विरासत के बारे में जानकारी देते हुए आज राज्य में भूजल रिचार्जिंग के लिए 1000 बोरवेलों का निर्माण करवाने की घोषणा की। इस योजना की शुरुआत रतिया, इस्माइलाबाद और गुहला खंडों से की जाएगी। इन योजनाओं की जानकारी मुख्यमंत्री ने यहां सेक्टर-3 स्थित हरियाणा निवास में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बुलाए गए एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए दी। इस मौके पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे. पी. दलाल भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बोरवेल पर लगभग 1.5 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस योजना के तहत 90 प्रतिशत खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा और किसानों को केवल 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करना पड़ेगा और बोरवेल बनाने के बाद इसे किसानों को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि धान-बाहुल्य क्षेत्रों में भूजल स्तर 81 मीटर से नीचे चला गया ‌है जोकि ‌10 साल पहले 40 से 50 मीटर हुआ करता था। मनोहर लाल ने कहा कि मेरा पानी मेरी विरासत योजना को न केवल किसानों ने सराहा क्योंकि यह न केवल उनके हित में है बल्कि यह भावी पीढ़ियों के लिए भी लाभदायक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ कृषि भी हमारी अर्थव्यवस्था का एक प्राथमिक क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 17 लाख किसान परिवारों की सहायता और आर्थिक विकास सरकार की जिम्मेवारी है और हम इसके लिए योजनाएं बना रहे हैं। विपक्षी पार्टियों ने अब तक किसानों को केवल राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल करते हुए उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि वे किसानों को अपना मित्र और भाई मानते हैं तथा किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और सरकार की प्राथमिकता किसानों का हित और उनकी खुशहाली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण की ‘‘मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का शुरू में विरोध हुआ। विपक्ष समेत कुछ लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं, परंतु किसान इस योजना की गंभीरता को समझते हुए स्वेच्छा से आगे आ रहे हैं और अब तक 58,421 हैक्टेयर क्षेत्र में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए लगभग 53,000 किसान अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। उन्होंने कहा कि बजट भाषण में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए 1,00,000 हैक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य रखा गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान भी अब समझ गए हैं कि जमीन के साथ ही पानी की अपनी विरासत भावी पीढ़ी को देकर जाएं। मुख्यमंत्री ने विपक्ष को मेरा पानी मेरी विरासत योजना का विरोध करने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि रतिया, इस्माइलाबाद और गुहला खंड घग्गर नदी के निकट होने के कारण बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में आते हैं, इसलिए सरकार ने किसानों को कुछ छूट दी है। उन्होंने कहा कि किसान यदि इस योजना के तहत स्वयं को पंजीकृत करता है तो उनका प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रीमियम भी सरकार द्वारा भरा जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकार किसानों को बागवानी को अपनाने के लिए भी 30 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान राशि देगी। Economic progress and development of farmer families is responsibility of government says CM Khattarमनोहर लाल ने कहा बेहतर जल प्रबंधन के चलते राजस्थान की सीमा से सटे दक्षिण हरियाणा के नांगल चौधरी, सतनाली व लोहारू जैसे क्षेत्रों में हम ऐसी-ऐसी टेलों तक पानी पहुंचाने में सफल रहे हैं, जहां पिछले 25-30 वर्षों से पानी नहीं पहुंचा था। उन्होंने कहा कि अब तक ऐसी 300 टेलों में से 293 टेलों में पानी पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूरे नहरी तंत्र का जीर्णोद्धार तीन चरणों में किया जा रहा है। पश्चिमी-यमुना नहर के जीर्णोद्धार पर लगभग 2200 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं और इसके दो चरणों का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि वर्ष 2022 तक तीन चरणों का कार्य पूरा किया कर दिया जाएगा। इसी प्रकार, लखवार, किशाऊ व रेणुका बांधों से भी हरियाणा को 47 प्रतिशत पानी मिलेगा और इस प्रकार हरियाणा की पानी की क्षमता 17500 क्यूसिक से बढक़र 23,500 क्यूसिक हो जाएगी और इस तरह प्रदेश को 6000 क्यूसिक अतिरिक्त पानी मिलेगा। ---PTC NEWS---


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