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बुजुर्ग दादी भी किसानों के साथ चलीं दिल्ली, पुलिस ने रोकने के लिए लगाईं ब्लेड वाली तारें

Written by  Arvind Kumar -- November 26th 2020 05:24 PM -- Updated: November 26th 2020 06:08 PM
बुजुर्ग दादी भी किसानों के साथ चलीं दिल्ली, पुलिस ने रोकने के लिए लगाईं ब्लेड वाली तारें

बुजुर्ग दादी भी किसानों के साथ चलीं दिल्ली, पुलिस ने रोकने के लिए लगाईं ब्लेड वाली तारें

चंडीगढ़। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। लेकिन किसानों को रोकने के लिए जिस तरह की घेराबंदी की गई है, उसे देखकर किसान काफी आक्रोशित है। किसानों को दिल्ली में प्रवेश से रोकने के लिए उन्हीं ब्लेड वाली तारों का का उपयोग किया गया है जिन्हें अगर किसान खेत में लगाता है तो वन विभाग नोटिस थमा देता है। [caption id="attachment_452776" align="aligncenter" width="750"]Elderly Grandmother Marching to Delhi बुजुर्ग दादी भी किसानों के साथ चलीं दिल्ली, पुलिस ने रोकने के लिए लगाईं ब्लेड वाली तारें[/caption] वहीं कई जगहों पर किसानों के लिए सड़कों पर गड्डे खोद गए हैं, तो कई जगह सड़कों पर मिट्टी डालकर रोड को अवरुद्ध किया गया है। कहीं-कहीं तो सड़कों पर भारी पत्थर रखे गए हैं। इन तमाम अवरोधों के बावजूद किसान लगातार आगे बढ़ते जा रहे हैं। यह भी पढ़ें- पंजाब में नाइट कर्फ्यू, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिए आदेश यह भी पढ़ें- कड़ाके की ठंड में किसानों पर पानी की बौछारें, किसानों और पुलिस में बढ़ा टकराव [caption id="attachment_452777" align="aligncenter" width="700"]Elderly Grandmother Marching to Delhi बुजुर्ग दादी भी किसानों के साथ चलीं दिल्ली, पुलिस ने रोकने के लिए लगाईं ब्लेड वाली तारें[/caption] किसानों के साथ दिल्ली कूच करने वालों में महिलाएं भी शामिल हैं। कई बुजुर्ग भी कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर है। ये बुजुर्ग कड़ाके की ठंड में दिल्ली सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाना चाहते हैं लेकिन इनकी दिल्ली पहुंचने की राह इतनी मुश्किल है कि शायद ही ये दिल्ली तक पहुंच पाएं। [caption id="attachment_452778" align="aligncenter" width="750"]Elderly Grandmother Marching to Delhi बुजुर्ग दादी भी किसानों के साथ चलीं दिल्ली, पुलिस ने रोकने के लिए लगाईं ब्लेड वाली तारें[/caption] खैर किसान अभी भी हार नहीं माने हैं और पूरा साजो सामान लेकर घर से निकले हैं। किसानों का कहना है कि वो हर हाल में दिल्ली पहुंचेंगे और केंद्र सरकार के समक्ष कृषि कानूनों को लेकर उनकी मांग उठाएंगे।


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