
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान कर दिया है। आरबीआई ने रेपो रेट को 5.40 फीसदी कर दिया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की है। रेपो रेट बढ़ने से ईएमआई बढ़ने वाली है।
मई में भी रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। अब एक बार फिर से रेपो रेट बढ़ने से इसका असर होम लोन और पर्सनल लोन पर दिखाई देगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 में देश की जीडीपी का अनुमान 7.2 फीसदी पर रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2023 के लिए retail inflation rate के अनुमान को 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि इंडियन इकॉनमी ऊंची मुद्रास्फीति से जूझ रही है। इसे कंट्रोल करना जरूरी है। मौद्रिक नीति समिति ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का भी फैसला किया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि शहरी मांग में सुधार देखने को मिल रहा है। उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया कि कोर महंगाई दर ऊंचे स्तर पर रहने का अनुमान है। ग्रामीण मांग में धीरे-धीरे सुधार जारी है। निवेश में तेजी देखने को मिल रही है।
रेपो रेट क्या होती है
रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर कोई वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से किसी निश्चित ब्याज दर पर पैसा उधार लेता है। इसी पैसों को बैंक आगे ग्राहकों को अधिक दर पर लोन देता है। अगर आरबीआई रेप रेट बढ़ाता है तो बैंक भी अपनी ब्याज दर बढ़ा देता है। इसका सीधा असर ये होता है कि आपकी ईएमआई में इजाफा हो जाता है।