फर्जी वाउचर तैयार कर हरियाणा बिजली वितरण निगम के कर्मचारियों ने डकार लिए लाखों, ऐसे खुली पोल
यमुनानगर/तिलक भारद्वाज: बिजली वितरण निगम के कर्मचारियों ने फर्जी वाउचर तैयार करके विभाग से लाखों रूपयों का चूना लगाया है। बिलासपुर व जगाधरी के एक्सईएन ने इस संबंध में पुलिस में मामले दर्ज करवाए हैं। वहीं दूसरी तरफ पानीपत के समालखा में इसी धोखाधड़ी को लेकर 8 फरवरी को दर्ज हुई एक एफआईआर में यमुनानगर के बिलासपुर के एक्सईएन को गिरफ्तार कर लिया गया है। बिजली निगम के सुपरीटेंडेंट इंजीनियर ने राजेंद्र कुमार ने बताया कि जिन कर्मचारियों पर धोखाधड़ी करने और फर्जी वाउचर बनाकर राशि ट्रांसफर करने के आरोप हैं, वह बिलासपुर के अलावा जगाधरी, यमुनानगर में भी ड्यूटी पर रहे हैं। इसलिए उन कर्मचारियों के खिलाफ दोनों थानों में मुकदमे दर्ज करवाए गए हैं। यमुनानगर के बिलासपुर व जगाधरी कार्यालयों से 1 दर्जन से अधिक अवैध ट्रांजैक्शन मिली जिसमें 50 लाख रूपए से अधिक की राशि ट्रांसफर की गई है। मामला सामने आने के बाद बिलासपुर के एक्सईएन नीरज कुमार को अपने कार्यालय में संदिग्ध वाउचर मिले थे। जांच की तो पता चला कि कार्यालय से 63 लाख कि फर्जी ट्रांजैक्शन की गई है। उनकी शिकायत पर कार्यालय के डिप्टी सुपरिटेंडेंट राकेश नंदा, एलडीसी राघव वधावन, चक्रवर्ती शर्मा व योगेश लांबा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पानीपत के समालखा में इसी धोखाधड़ी को लेकर 8 फरवरी को दर्ज हुई एक एफआईआर में बिलासपुर के एक्सईएन को गिरफ्तार कर लिया गया है। ऐसे हुआ मामले का खुलासा पानीपत के समालखा में रहने वाले अनिल शर्मा ने बताया कि एक जानकार ने उससे लोन दिलवाने के लिए उसके दस्तावेज लिए। उसके बाद उसके अकाउंट में लाखों रुपए की राशि डाली गई, जिसके बाद वही आदमी उसके पास आया और वह राशि गलती से उसके खाते में डाले जाने की बात कह कर पैसे निकलवा कर ले गया। अनिल शर्मा को इस पर शक हुआ तो उसने बैंक में जाकर पता करवाया कि यह राशि कैसे और कहां से आई थी। बैंक में पता चला कि यह राशि बिजली निगम कार्यालय यमुनानगर, जगाधरी से ट्रांसफर की गई थी, जिसके बाद उसने इस मामले की सूचना पुलिस में दी। समालखा पुलिस में इस मामले में जांच की और वाउचर कब्जे में लिए जांच करते करते पुलिस बिलासपुर व जगाधरी यमुनानगर पहुंची। मामला सामने आने के बाद विभागीय कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। बिलासपुर के एक्सईएन नीरज कुमार ने अपने कार्यालय में जांच शुरू करवाई तो कई वाउचर संदिग्ध मिले। जिसकी जांच की तो पता चला कि इस कार्यालय से 63 लाख कि फर्जी ट्रांजैक्शन की गई हैं। उन्होंने बिलासपुर थाना में इस संबंध में अपने कार्यालय के डिप्टी सुपरिटेंडेंट राकेश नंदा, एलडीसी राघव वधावन, चक्रवर्ती शर्मा व योगेश लांबा के खिलाफ शिकायत देकर मामला दर्ज करवाया।