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रोहतक। (अंकुर सैनी) हरियाणा सरकार प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के लिए कॉमन काडर रूल्स लाने जा रही है, जिसके तहत इन मेडिकल कॉलेज के स्टाफ का एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर किया जा सकेगा। सरकार के इस प्रस्ताव का रोहतक पीजीआई में जबरदस्त विरोध हो रहा है।
डॉक्टर्स, स्टाफ नर्सिज, पैरामेडिकल स्टॉफ और क्लेरिकल स्टाफ ने इसका विरोध किया है और सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जबरदस्ती की गई तो वह सामूहिक इस्तीफा देने से भी नहीं चूकेंगे।
दरअसल दो महीने पहले अप्रैल 2021 में स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के लिए एक नई नीति बनाने को लेकर मीटिंग की। इसमें प्रदेश के 5 प्रमुख मैडीकल संस्थानों रोहतक पीजीआई, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल, खानपुर मेडिकल कॉलेज खानपुर, अग्रोहा मैडीकल कॉलेज और मेवात मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधियों ने शिरकत की, इनके अलावा स्वास्थ्य विभाग के एसीएस समेत तमाम सीनियर अधिकारी शामिल हुए।
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मीटिंग में फैसला लिया गया कि अब सभी मेडिकल कॉलेज के लिए कॉमन कॉडर रूल्स बनाए जाएंगे, जिसके तहत इन मेडिकल कॉलेज में नियुक्त ए, बी, सी और डी कैटेगरी के स्टाफ का एक-दूसरे कॉलेज में ट्रांसफर किया जा सकेगा। इस योजना का पता चलते ही रोहतक पीजीआई में हंगामा शुरू हो गया, यहां के तकरीबन 4000 डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स और पैरामेडिकल स्टॉफ ने विरोध शुरू कर दिया।
हरियाणा स्टेट मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान डॉक्टर आरबी जैन ने कहा कि सरकार कि यह योजना नाजायज है, वे इसका विरोध हर स्तर पर करेंगे। अगर सामूहिक इस्तीफे की जरूरत आन पड़ी तो उससे भी पीछे नहीं हटेंगे। डॉक्टर जैन ने कहा कि हेल्थ यूनिवर्सिटी एक स्वायत्त संस्था है, यहां के कर्मचारियों की जॉब नॉन ट्रांसफरेबल है। अब नए नियम लाकर सरकार इसे बदलना चाहती हैं जो कि गलत है।
अगर सरकार नई पॉलिसी लाती है तो वह पुराने कर्मचारियों पर लागू नहीं होनी चाहिए। नई भर्ती पर इन नियमों को लागू किया जा सकता है। अगर सरकार ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया तो वे धरना प्रदर्शन भी करेंगे और जरूरत पड़ी तो इस्तीफे भी देंगे। लेकिन कॉमन काडर की इस पॉलिसी को किसी भी सूरत में लागू नहीं होने देंगे।
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