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झज्जर। झज्जर के ढासा बॉर्डर धरने पर तबीयत बिगड़ने के चलते एक ढासा बॉर्डर धरने पर किसान की मौत, अंतिम विदाई में बड़ी संख्या में पहुंचे लोग
बता दें कि किसान कर्मवीर पिछले लंबे वक्त से ढासा बॉर्डर पर किसानों के धरने में शामिल था और अचान तबीयत बिगड़ने के चलते कर्मवीर की मौत हो गई। कर्मवीर झज्जर के गुड़ा गांव का रहने वाला था।
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ढासा बॉर्डर धरने पर किसान की मौत, अंतिम विदाई में बड़ी संख्या में पहुंचे लोग
इस मौके पर किसान नेता दीपक धनखड़ ने बताया कि कर्मवीर ढासा बॉर्डर धरने के मजबूत स्तंभ थे और हमेशा अन्य किसानों का भी मार्गदर्शन किया करते थे। उन्होंने बताया कि उनके बीच के संघर्ष के साथी नहीं रहे लेकिन उनकी लड़ाई को आखरी सांस तक वह और हजारों किसान लड़ते रहेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार को इन तीन काले कानूनों को वापस लेना चाहिए।
ढासा बॉर्डर धरने पर किसान की मौत, अंतिम विदाई में बड़ी संख्या में पहुंचे लोगवहीं भारतीय किसान यूनियन के महासचिव डिंपी पहलवान ने कहा कि किसान भाई की शहादत बेकार नहीं जाएगी और जो कर्मवीर का सपना था कि सरकार 3 काले कानून वापस ले वह और सभी किसान कर्मवीर बनकर आखिरी सांस तक उनकी लड़ाई लड़ेंगे।
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किसान की मौत हो गई। किसान का अंतिम संस्कार उसके पैतृक गांव में किया गया। अंतिम विदाई में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और किसान शामिल हुए।