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एक तरफ देश मना रहा था गणतंत्र दिवस दूसरी ओर किसानों ने मनाया काला दिवस

Written by  Arvind Kumar -- January 27th 2019 09:07 AM -- Updated: January 27th 2019 01:12 PM
एक तरफ देश मना रहा था गणतंत्र दिवस दूसरी ओर किसानों ने मनाया काला दिवस

एक तरफ देश मना रहा था गणतंत्र दिवस दूसरी ओर किसानों ने मनाया काला दिवस

हिसार। (संदीप सैणी) प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई फसलों का बीमा क्लेम ना मिलने से परेशान 6 गांवों के किसानों ने गणतंत्र दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया। किसानों ने भाटोल जाटान गांव में स्थित बैंक आफ बड़ौदा की शाखा के सामने प्रदर्शन करते हुए बैंक प्रबंधन और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। किसानों का कहना है कि 10 हजार से अधिक एकड़ की फसलें उनकी इस साल प्राकृतिक आपदा के कारण नष्ट हो गयी। लेकिन बैंक अब उन्हें लाखों रुपये के बीमा क्लेम नहीं दे रहा है। [caption id="attachment_246675" align="aligncenter" width="448"]Farmer 'किसानों की 10 हजार से अधिक एकड़ की फसलें प्राकृतिक आपदा के कारण हो गई नष्ट'[/caption] यह भी पढ़ें : जिस स्कूल में की पढ़ाई आज उसी स्कूल में फहराया झंडा "दरअसल बढ़ाला, रोशनखेड़ा, खरबला, जीतपुरा, सीसर भाटलो जाटान व रागड़ान के करीब 800 किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2017 में रबी व खरीफ की फसलों का करीब 16 लाख रुपये का बीमा प्रीमियम बैंक ऑफ बड़ोदा से करवाया था। जब किसानों की फसल खराब हुई तो बैंक ने सैंकड़ों किसानों के प्रीमियम की राशि को उच्चाधिकारियों के पास बहुत विलंब से भेजा। जिसकी वजह से उन्हें बीमा क्लेम नहीं मिल पा रहा है और बैंक के अधिकारी दो महीने से उन्हें केवल आश्वासन दे रहे हैं।" [caption id="attachment_246677" align="alignleft" width="150"]Protest फसल खराब होने के कारण किसान आर्थिक तंगी में आ चुका है[/caption] किसानों ने दी आत्मदाह की चेतावनी फसल खराब होने के कारण किसान अब आर्थिक तंगी में आ चुका है। अब किसान के सामने अगली फसलों को लगाने का संकट मंडरा गया है। किसानों का कहना है कि अगर समय रहते उन्हें बीमा क्लेम नहीं मिला तो वो आत्मदाह करने पर मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मदारी सरकार और बैंक प्रबंधन की होगी।


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