किसानों के भारत बंद का सुबह से ही दिखने लगा असर, कई सड़कें जाम, बाजार रहे बंद
चंडीगढ़। तीन नए कृषि कानूनों का विरोध किसान लगातार कर रहे हैं। किसान सरकार पर दबाव बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। इस बीच आज 26 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से भारत बंद का कॉल दिया गया है। जिसके चलते किसान भारी संख्या में सड़कों पर इकट्ठा हुए और विरोध प्रदर्शन किया। [caption id="attachment_484146" align="aligncenter" width="700"] किसानों के भारत बंद का सुबह से ही दिखने लगा असर, कई सड़कें जाम, बाजार रहे बंद[/caption] किसानों ने कई सड़क मार्ग भी बंद कर दिए। अंबाला में किसानों ने दिल्ली अमृतसर व अमृतसर दिल्ली सड़क व रेल मार्ग बंद कर दिए। इस दौरान भारी ट्रैफिक जाम भी रोड़ पर देखने को मिला। किसानों ने फतेहाबाद चंडीगढ़ मार्ग पर भी जाम लगा दिया। हालांकि इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहीं। किसानों ने आसौदा स्टेशन पर ईएमयू ट्रेन रोकी। वहीं नांगलोई में गोरखधाम एक्सप्रेस को किसानों ने रोक दिया। यह भी पढ़ें- होली के रंग को फीका कर सकता है कोरोना, केंद्र ने राज्यों को दी जरूरी पाबंदियां लगाने की छूट यह भी पढ़ें- आंदोलन में किसानों की शहादत के चलते इस बार होली नहीं मनाएंगे भूपेंद्र सिंह हुड्डा [caption id="attachment_484147" align="aligncenter" width="700"] किसानों के भारत बंद का सुबह से ही दिखने लगा असर, कई सड़कें जाम, बाजार रहे बंद[/caption] बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा का भारत बंद आज शाम 6 बजे तक रहेगा। किसान नेताओं ने आम लोगों से सहयोग की अपील की है। साथ ही बाजार बंद करने का आह्वान किया है। किसान नेताओं का कहना है कि भारत बंद में सभी यूनियनों का सहयोग मिल रहा है। अगर कृषि कानून वापिस नहीं हुए तो पूरे देश को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर देंगे। [caption id="attachment_484149" align="aligncenter" width="700"] किसानों के भारत बंद का सुबह से ही दिखने लगा असर, कई सड़कें जाम, बाजार रहे बंद[/caption] किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि इस बार बंद का असर यूपी सहित सभी राज्यों में देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा की पिछली बार यूपी में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा बंद के दौरान गड़बड़ी की सूचना के बाद उन्होंने यूपी में बंद नहीं किया था। लेकिन इस बार भारत बंद का असर देश के सभी राज्यों में देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा की जब तक सरकार इन कानूनों को वापिस नहीं लेती पर एमएसपी पर कानून नहीं बनाती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।