मोतियों की खेती कर किसान ने बदली अपनी किस्मत, लाखों में है महीने की कमाई
कुरुक्षेत्र/अशोक यादव: कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों...! शाहाबाद के छोटे से गांव बुहावी के रहने वाले किसान सलिंद्र और राजेश ने इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है। दोनों ने मोती की खेती शुरू कर आस-पास के किसानों के लिए मिसाल पेश की है। दोनों पहले फैक्ट्री में नौकरी कर अपने घर परिवार का मुश्किल से पेट भरा करते थे, लेकिन आज महीने में लाखों कमा रहे हैं। मोती की खेती करने वाले सलिंद्र ने बताया कि पहले वो एक फैक्ट्री में नौकरी करते थे। जहां उनकी तनख्वाह सिर्फ 13000 रुपये प्रति माह थी। सलिंद्र ने बताया कि वो भुवनेश्वर गए जहां उन्होंने खेती करने के लिए प्रशिक्षण लिया और बाद में उन्होंने अपने साथी के साथ मिलकर घर में ही मोती की खेती शुरू की। उन्होंने घर में 20X10 फीट एरिया में 1000 सीप के साथ मोती की खेती करना शुरू की थी। 1000 सीप का सेटअप खड़ा करने में लगभग 1 लाख तक का खर्च आ जाता है। सीप की खेती करने दौरान सबसे अहम काम होता हैं सीप की सर्जरी करना। इसके लिए ही विशेष प्रशिक्षण लेना पड़ता है। एक सीप के अंदर दो मोती पैदा हो सकते हैं। जैसी आकृति उसके अंदर रखी जाती है वैसा ही मोती पैदा हो जाता है। सलिंद्र ने बताया की 12 से 13 महीने के बाद सीप में मोती तैयार हो जाता है। मोती की डिमांड सभी जगहों पर है। भारत से लेकर विदेशों में भी मोती की डिमांड देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि भारत में ही मोती की डिमांड पूरी नहीं होती भारत को ही दूसरे देशों से मोती एक्सपोर्ट करना पड़ता है।