भारत में मंकी पॉक्स के पहले मामले की हुई पुष्टि, केंद्र ने राज्यों को जारी की एडवायजरी
भारत में केरल के कोल्लम जिले में मंकीपॉक्स का पहला मामला दर्ज हुआ है। संक्रमित मरीज हाल ही में विदेश यात्रा से लौटकर आया था। मंकी पॉक्स अब तक दुनिया के 70 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर संदिग्ध को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद मरीज के सैंपल लिए गए थे। सैंपल में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई। फिलहाल मरीज का इलाज चल रहा है। संक्रमित मरीज कुछ समय पहले ही UAE से लौटकर आया था। इलाज के लिए मरीज को तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। वह विदेश में इस संक्रमण के एक मरीज के करीबी संपर्क में रहा था। कोरोना के साथ मंकीपॉक्स वायरस की एंट्री से भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं। केंद्र सरकार ने इसे लेकर राज्य सरकारों को एडवायजरी जारी कर संदिग्ध मरीजों की जांच के साथ अस्पतालों में निगरानी बढ़ाने के लिए कहा है। केंद्र सरकार ने एक हाई लेवल टीम केरल के लिए रवाना की है। WHO के मुताबिक मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है। मंकी पॉक्स संक्रमण कुछ मामले ही गंभीर हो सकते हैं। इस वायरस के दो स्ट्रेन्स हैं- पहला कांगो स्ट्रेन और दूसरा पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन है। मंकीपॉक्स एक जूनोसिस वायरस है ये जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह संक्रमण बंदर के अलावा चूहा, गिलहरी और डॉर्मिस जैसे जानवरों में भी पाया जाता है। ये स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है।