फूलों की खेती करने वाले किसानों पर पड़ी कोरोना की मार, नहीं मिल रहे खरीददार
जींद। (अमरजीत खटकड़) कोरोना के कारण हर क्षेत्र में कारोबार पर काफी असर पड़ा है। फूलों की खेती भी इससे अछूती नहीं है। जिस फूलों की खेती से किसानों को अच्छी-खासी आय मिलती थी। उसका अब सब्जी मंडी में कोई खरीददार नहीं है। अमूमन हर साल नवरात्र के मौके पर फूलों की बाजार में अच्छी डिमांड होती थी। भाव भी प्रति किलो 50 से 60 रुपए के आम मिल जाते थे। लेकिन इस बार सब्जी मंडी में उन्हीं फूलों को कोई भी 5 रुपए किलो के हिसाब से भी खरीदने को तैयार नहीं है। किसानों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि वे इस फसल का स्टॉक भी नहीं कर सकते। तैयार होने के बाद फूल पौधे के साथ तोड़ने पर दो दिन के अंदर ही खराब हो जाता है। अब तो किसानों ने फूलों की फसल को ही उखाड़ना शुरू कर दिया है। इसकी जगह किसान अन्य सब्जी की फसल उगाने की सोच रहे हैं ताकि हुए नुकसान की कुछ भरपाई की जा सके। फूल उत्पादक किसानों की माने तो प्रति एकड़ किसान को फूल उगाने से इस बार 50 हजार रुपए तक का नुकसान हुआ है। कई महीनों तक फसल को तैयार करने के लिए की गई मेहनत भी बर्बाद हो गई है।