आपसी फूट के कारण मिली पंजाब में हार, एसकेएम का साथ मिलता तो किसानों की नहीं होती हार: चढूनी
सोनीपत/जयदीप राठी: छोटूराम धर्मशाला में आज किसान नेताओं की बैठक हुई। किसान नेताओं की बैठक में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पहुंचे। इस मौके पर गुरनाम सिंह चढूनी का पंजाब चुनाव के बाद दर्द सामने आया है।चढूनी ने कहा कि पंजाब में किसान नेताओं की हार का सबसे बड़ा कारण आपसी फूट था। चढनी ने कहा कि किसान नेताओं में आपसी फूट के कारण ही पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है अगर संयुक्त किसान मोर्चा चुनाव का विरोध नहीं करता तो पंजाब में एकतरफा किसान नेताओं की सरकार बनती। वहीं, गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार भी अपने वादों पर खरी नहीं उतर रही है और अभी तक कुछ किसान ऐसे हैं जिन्हें मुआवजा नहीं मिला है और कुछ केस ऐसे हैं जिनमें अभी तक किसानों को रिहा नहीं किया गया है। अगर किसान नेताओं में आपसी फूट नहीं होती तो एक तरफा किसान नेताओं की सरकार पंजाब में होती। संयुक्त किसान मोर्चा ने सबसे बड़ी गलती यही की है कि उसने चुनाव का विरोध किया है। अगर सयुक्त किसान मोर्चा साथ देता तो पंजाब में हालात कुछ और ही होते। अगर संयुक्त किसान मोर्चा साथ देता तो किसान नेताओं को कोई भी नहीं हरा सकता था। वहीं, लखीमपुर खीरी में जो हुआ वह गलत हुआ और जो अंदर होने चाहिए थे वह बाहर हैं और हमारे किसान अभी अंदर है। मैं बड़े दुख के साथ कहता हूं की एसकेएम ने भी यह बात नहीं उठाई है। चढूनी ने कहा कि हम कोशिश करेंगे कि आने वाले आंदोलनों में एसकेएम एक होकर ही किसानों के लिए आंदोलन लड़े। वही उन्होंने कहा कि 2024 में हरियाणा में चुनाव के लिए हमारी कमेटी बातचीत कर रही है और उसी के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।