गुरु तेग बहादुर के जन्मोत्सव पर 26 मुस्लिम कारीगरों ने सजाया पंडाल, पेश की एकता की मिसाल
गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व पर पानीपत में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए सभी लोगों ने सहयोग किया। दिल्ली से आए कारीगर मोहम्मद गुलफाम ने धार्मिक बंधनों को तोड़ते हुए और सर्वधर्म संभाव का संदेश दिया है। पानीपत के सेक्टर 13-17 में मनाए गए प्रकाश पर्व में गुलफाम और उनकी टीम ने इक ओंकार का कलाकृति बनाई है। पूरे पंडाल को सजाने से लेकर इक ओंकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है इन्हीं मुस्लिम कारीगरों ने निभाई है। मुख्य गेट, स्टेज और बैक ड्राप इन्होंने ही बनाया है। दिल्ली के रहने वाले 26 मुस्लिम कारीगरों की टीम का नेतृत्व कर रहे मोहम्मद गुलफाम ने कहा, कला कोई धर्म नहीं जानती। हम हर जगह मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों में काम करते हैं। कभी-कभी हम जागरण में भी सजावट करते हैं। हमारी टीम गुरुपर्व के अवसर पर आयोजित विभिन्न धार्मिक आयोजनों में काफी सजावट का काम किया है। वो साथी चित्रकारों के साथ 12 अप्रैल को यहां पहुंचे और आयोजन स्थल को सजाने के लिए प्रतिदिन 18-19 घंटे श्रद्धा से काम कर रहे हैं। उनकी टीम के सदस्यों - शरीफ, अकरम, नवाब अली, रिजवान, अयूब आदि ने सबसे पहले मुख्य प्रवेशद्वार, मंच और पृष्ठभूमि पर एक लोहे का ढांचा तैयार किया था। उसके बाद भक्तों का भव्य स्वागत करने के लिए इस संरचना पर एक सुंदर लकड़ी और थर्मोकोल कला की गई है।