1 दिसंबर से स्कूल खोलने के फैसले को हरियाणा शिक्षा विभाग ने लिया वापस, ये वजह
चंडीगढ़: कोरोना वायरस के नए वेरियंट ने पूरी दुनिया को एकबार फिर डरा दिया है। अब तक 14 देशों में ओमिक्रोन के मामले आ चुके हैं। इसे डेल्टा प्लस वेरियंट से भी अधिक घातक माना जा रहा है। ऐसे में भारत सरकार और राज्य सरकारें एहतियात के साथ कदम उठा रही हैं। वहीं, ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए प्रदेश शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। विभाग ने 1 दिसंबर से स्कूलों को पूरी क्षमता के साथ खोलने के फैसले को होल्ड कर लिया है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए फैसला लिया गया है। गौर रहे कि देशभर के कई शिक्षण संस्थानों में बच्चे भारी संख्या में कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। स्थितियां एक बार फिर खराब ना हों और नौनिहाल सुरक्षित रहें इसलिए ही ये फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि दीवाली के समय हरियाणा में स्कूलों को बंद किया गया था। सरकार ने 1 दिसंबर 2021 से सभी स्कूलों को फिर से पूरी क्षमता के साथ खोलने का निर्णय लिया था, लेकिन अब सरकार ने फैसला बदल लिया है। वहीं, संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा में कहा कि अभी तक 14 देशों में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के केस मिले हैं। अभी भारत में भी इसका अध्ययन किया जा रहा है, लेकिन देश में अभी तक इस वेरिएंट का एक भी केस नहीं मिला है। इस वायरस को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। मांडविया ने कहा कि हमने कोरोना महामारी के दौरान बहुत कुछ सीखा है। अब हमारे पास जांच करने के लिए संसाधन और लैब हैं। आपको बता दें कि WHO ने Omicron को वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया है। स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक भारत में इस समय कोरोना महामारी नियंत्रण में है, लेकिन देश बीमारी से मुक्त नहीं है। हमें कोरोना गाइडलाइन का पालन करना चाहिए।