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चंडीगढ़। हरियाणा में सड़क सुरक्षा सप्ताह के उपलक्ष्य में पुलिस महानिदेशक हरियाणा, मनोज यादव द्वारा कुंडली (सोनीपत) से शंभू बॉर्डर (अंबाला) तक राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के 187 किलोमीटर हिस्से में रोड एक्सीडेंट में जानलेवा व अन्य हादसों को कम करने के लिए एक बड़ी पहल की शुरूआत की गई है। डीजीपी ने कहा कि एनएच-44 को सुरक्षा के दृष्टिकोण से विश्व स्तर का राजमार्ग बनाना है ताकि यह पूरे देश के लिए एक आदर्श बन सके। इससे हम अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत और सोनीपत सहित पांच जिलों से गुजरने वाले एनएच-44 पर सड़क दुर्घटना में होने वाली जानलेवा व अन्य हादसों को न्यूनतम स्तर पर लाने में सक्षम होंगे।
इस उद्देश्य के साथ, हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में डीजीपी हरियाणा की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक, हरियाणा लोक निर्माण विभाग व परिवहन विभाग के अधिकारियों सहित सड़क सुरक्षा शिक्षा संस्थान (आईआरटीई), फरीदाबाद के डॉ. रोहित बलुजा व अन्य सड़क सुरक्षा इंजीनियरों ने भागीदारी की। बैठक में अंबाला, करनाल और रोहतक रेंज के रेंज आईजी, एनएच-44 पर पडने वाले अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों के एसपी ने भी शिरक्त की।
NH 44 पर एक्सीडेंटल डेथ्स पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस की बड़ी पहल
इस पहल के तहत, हरियाणा पुलिस ने आईआरटीई के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत आईआरटीई संस्थान हरियाणा से गुजरने वाले एनएच-44 के इस 187 किलोमीटर की विस्तृत सड़क सुरक्षा ऑडिट करेगा। साथ ही, सड़क इंजीनियरिंग सुधार से संबधित गति सीमा निर्धारण, रोड मार्किंग और रोड साइनेज सहित सभी कार्यों का बेहतर क्रियान्वयन तथा सड़क उपयोगकर्ताओं की सभी श्रेणियों का जागरूकता के माध्यम से ध्यान केंद्रित कर दुर्घटना की रोकथाम के लिए एक विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत करेगा।
NH 44 पर एक्सीडेंटल डेथ्स पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस की बड़ी पहल
डीजीपी ने घोषणा करते हुए कहा कि एनएच-44 पर स्पीड रडार, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर्स और कैमरे का एक नेटवर्क स्थापित किया जाएगा, जो खतरनाक ड्राइविंग करने वालों सहित ओवरस्पीड और असुरक्षित लेन में चलने वालों पर अंकुश लगाने के लिए एक केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष से जुड़ा होगा। पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण को सड़क सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू बताते हुए, यादव ने कहा कि हरियाणा पुलिस अकादमी द्वारा प्रत्येक माह 50 पुलिस कर्मियों को सड़क सुरक्षा और क्रैश जांच संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में आईआरटीई संस्थान की टीम से भी सहयोग देने का आग्रह किया।
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---PTC NEWS----